प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 56,368 नए मकानों के निर्माण की मंजूरी, केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की 53वीं बैठक में लिया गया फैसला

केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की 53वीं बैठक कल शाम आयोजित की गई। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत 56,368 घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इन घरों का निर्माण पीएमएवाई-यू मिशन के विभिन्न वर्टिकल्स (कार्यक्षेत्रों) के तहत किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। इस बैठक में कुल 11 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया।

निगरानी के लिए ऑनलाइन कार्य प्रणाली का उपयोग करने का निर्देश

आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, ने कहा कि, “‘आइये हम कार्यान्वयन एवं निष्पादन की प्रणाली में शामिल हों’।” उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिशन अवधि में शत-प्रतिशत पीएमएवाई-यू घरों का निर्माण करने और सभी पात्र लाभार्थियों को उनका वितरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने बैठक में भाग लेने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस मिशन के उचित कार्यान्वयन और निगरानी के लिए ऑनलाइन कार्य प्रणाली (एमआईएस) का उपयोग करने का भी निर्देश दिया।

एलएचपी के तहत लखनऊ, रांची समेत कई शहरों में घरों का निर्माण

श्री मिश्रा ने लाइट हाउस परियोजनाओं (एलएचपी) और डेमोंस्ट्रेशन हाउसिंग परियोजनाओं (डीएचपी) की प्रगति की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 जनवरी 2021 को एलएचपी की आधारशिला रखी थी। एलएचपी के तहत लखनऊ, रांची, राजकोट, अगरतला, चेन्नई और इंदौर में घरों का निर्माण किया जा रहा है। क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए जीवंत प्रयोगशालाओं के रूप में इन एलएचपी स्थलों को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने बड़े पैमाने पर नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहन देने, तकनीकी जागरुकता पैदा करने, ऑन साइट शिक्षण, समाधान, प्रयोग के विचारों का पता लगाने और नवाचार को प्रोत्साहित करने हेतु टेक्नोग्राहियों के लिए ऑनलाइन नामांकन अभियान शुरू किया है।

महिलाओं के सशक्तीकरण को भी बढ़ावा

उन्होंने कहा कि यह मिशन किस प्रकार महिला लाभार्थियों या संयुक्त स्वामित्व के नाम पर इन घरों के आवंटन द्वारा महिलाओं के सशक्तीकरण को भी बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हर स्तर पर मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श का पालन करने के लिए भी कहा। उन्होंने विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि महिला लाभार्थी के नाम का उनके पीएमएवाई-यू मकान की नेमप्लेट पर उल्लेख किया जाए।

‘सभी के लिए आवास’ के विजन के साथ देश भर में घरों का निर्माण पूरा करने और उनके वितरण कार्य में तेजी लाने पर जोर दिया गया है। आवासन और शहरी मामलों का मंत्रालय शहरी भारत के सभी पात्र लाभार्थियों को 2022 तक, जब राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता का 75वां वर्ष मना रहा हो, पक्के मकान देने के लिए प्रतिबद्ध है।पीएमएवाई-यू मकानों का निर्माण विभिन्न चरणों में है। अब तक, 73 लाख से अधिक मकानों की नींव पड़ चुकी है लगभग 43 लाख मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।