मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई. पांच जजों की बेंच इस मामले को 18 मार्च तक सुनेगी. सुप्रीम कोर्ट ने आज मराठा आरक्षण के मसले पर सभी राज्यों को नोटिस किया और उनसे पूछा कि क्या आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए
15 मार्च तक टली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला सुनवाई करते हुए कहा कि सभी राज्यों का पक्ष इस मसले पर जानना जरूरी है. कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस करते हुए सुनवाई 15 मार्च तक के लिए टाल दी है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि कई राज्यों में आरक्षण के मसले पर अलग-अलग विषयों को उठाया गया है. आर्थिक आधार पर आरक्षण का मसला भी इससे जुड़ा है, यही वजह है कि कोर्ट ने सभी राज्यों का पक्ष इस मामले में जानना चाहा है.
हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
मराठा आरक्षण के बाद प्रदेश में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़कर 68 प्रतिशत हो गयी, जिसके कारण इस मसले पर विवाद बढ़ा और हाईकोर्ट के बाद यह मसला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है
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