अशोक चौधरी ने दर्ज किया राबड़ी देवी पर असंसदीय भाषा के इस्तेमाल का आरोप।

बिहार विधान परिषद ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी द्वारा असंसदीय भाषा के इस्तेमाल किये जाने से संबंधित मामले की जांच बृहस्पतिवार को आचार समिति को सौंप दी है।

राज्य के मंत्री अशोक चौधरी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद इस मामले को आचार समिति के पास भेज दिया गया है।

राज्य के मंत्री अशोक चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि ‘बिहार विधान परिषद में मंगलवार को बजट पर चर्चा के दौरान जब राजद के एक सदस्य ने मुख्यमंत्री और बिहार विधानसभा अध्यक्ष के बीच हुए विवाद का मजाक उड़ाया, तो मैंने हस्तक्षेप किया। मैंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि यह परिषद से जुड़ा मामला नहीं है। इसके बाद राबड़ी देवी उठीं और कहा कि विधायिका के किसी भी सदन से संबंधित मामला उठाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हंगामे के चलते वह मुख्यमंत्री द्वारा कहे गए शब्दों को समझ नहीं पाई लेकिन एक समाचार पोर्टल के जरिये जब पता चला कि उन्होंने दलाल जैसे शब्दों का प्रयोग किया, तो मैं हतप्रभ रह गया। हालांकि राबड़ी के इन बयानों को सदन की कार्यवाही से निकाला जा चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख सहयोगी चौधरी ने रेखांकित किया कि उन्होंने हमेशा उक्त बुजुर्ग महिला का सम्मान किया। हालांकि उन्होंने कभी भी इसकी परवाह नहीं की।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा चार साल पहले जदयू में शामिल होने वाले चौधरी ने कहा, “अब उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं। मैं एक कांग्रेसी हुआ करता था और मेरा उक्त पार्टी छोड़ने का कारण यह है कि उनके पति लालू प्रसाद कुटिल तरीकों से कांग्रेस को नष्ट करने में लगे हुए थे जिसे कांग्रेस में अन्य मेरे सहयोगी समझ नहीं पा रहे थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि राबड़ी देवी ने मंगलवार को मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करके दलितों के प्रति अनादर को दर्शाया है। आज फिर से उन्होंने मुझे सदन के सामने इस मुद्दे को रखने से रोकने की असभ्य तरीके से कोशिश की। चौधरी ने कहा, ‘लेकिन मैं इस मुद्दे को अध्यक्ष के संज्ञान में लाने में सफल रहा। यह अब कार्यवाही का हिस्सा है। मुझे उम्मीद है कि समिति मेरे साथ न्याय करेगी।