महंगाई ने तोड़ा आम आदमी का कमर, खुदरा महंगाई में आया जबरदस्त उछाल।

भारत सहित पूरा विश्व अभी महंगाई के दौर से गुजर रहा है। हर देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने के लिए जहदो जहद करते नजर आ रही है। कभी कोरोना जैसी बीमारी तो वर्तमान में दो देशों के बीच चल रहे टकराव का अब भी अर्थव्यवस्था पर असर साफ दिख रहा है।

खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़ने से मार्च में खुदरा महंगाई लगातार तीसरे महीने आरबीआई के काबू से बाहर निकल गई। इसकी सबसे ज्यादा मार ग्रामीण इलाकों पर पड़ी, जहां खुदरा महंगाई बढ़कर 7.66 फीसदी पहुंच गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में खाद्य वस्तुओं के दाम 7.68 फीसदी बढ़े। इससे पिछले महीने इनकी महंगाई 5.85 फीसदी थी। मार्च, 2021 में खुदरा महंगाई 5.52 फीसदी और खाद्य महंगाई 4.87 फीसदी पर थी। जनवरी-मार्च तिमाही में खुदरा महंगाई औसतन 6.34 फीसदी रही है। एनएसओ ने कहा, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से खाद्य तेलों की कीमतों में उछाल आया है। इससे तेल और वसा की महंगाई बढ़कर 18.79 फीसदी पहुंच गई। सब्जियों के दाम 11.64 फीसदी बढ़े, जबकि मांस और मछली की कीमतों में फरवरी के मुकाबले 9.63 फीसदी इजाफा हुआ। आरबीआई ने 2022-23 के लिए खुदरा महंगाई को 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी कर दिया है। इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, मौद्रिक नीति समिति ने अपने रुख में बदलाव का संकेत दिया है। महंगाई अगर नहीं घटती है तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी जून से शुरू हो सकती है।

देश में महंगाई चरम पर


देश में महंगाई से आम आदमी का हाल बुरा है। खुदरा महंगाई दर 17 महीने के पीक पर पहुंच चुकी है। मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर पिछले महीने 6.95% रही। यह लगातार तीसरा महीना है, जब महंगाई दर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 6% की ऊपरी लिमिट के पार रही है।

जरूरी वस्तुओं के साथ ईंधन में तेजी से बिगड़ा रसोई का बजट


पिछले कुछ महीने से जरूरी वस्तुओं की कीमतों में तेज बढ़त के साथ ईंधन की दरों में हालिया वृद्धि ने लोगों का जीवन कठिन बना दिया है। लोगों को अब घरों के बजट का प्रबंधन करने में मुश्किल हो रही है। सब्जियों के साथ अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतें पहले से ही आसमान पर हैं। उसके बाद पिछले एक महीने में पेट्रोल और डीजल की कीमतें करीब 10 रुपये लीटर बढ़ने के साथ ही गैस महंगी होने से भी लोगों की परेशानी बढ़ गई है। पंजाब की गृहिणी ने कहा, महंगे ईंधन ने जीना मुश्किल कर दिया है। गैस सिलेंडर 1,000 रुपये में आ रहा है। सब्जी, फल, खाने के तेल पहले से ही काफी मंहगे हैं।

गौरतलब है कि भारत एक मध्यम वर्गीय देश है यहां की जनसंख्या का आधा से ज्यादा प्रतिशत मध्यम आय वाले परिवार का है। ऐसे में महंगाई की मार से लंबे समय तक लड़ पाना भारत के लिए कहां तक संभव है।