
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने भोजपुरी को आगे बढ़ाने की बात कही है। भोजपुरी से अपने जुड़ाव की बात भी तेज प्रताप यादव ने की जबकि इसे आठवीं अनुसूची में जोड़े जाना चाहिए या नहीं। इसपर तेजप्रताप यादव के अंदर कोई किंतु-परंतु नहीं है। लेकिन उनका मानना है कि इसे आठवीं में क्या, टॉप पर नंबर 1 में रखना चाहिए। इस बयान के पीछे की कहानी क्या है? आइये जानते हैं…
तेज प्रताप यादव एकबार फिर से बिहार सरकार में वन एवम् पर्यावरण मंत्री बने हैं। तेज प्रताप यादव अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं। खुद तेज प्रताप व उनके समर्थक भी ये मानते हैं कि तेज प्रताप के अंदर लालू प्रसाद यादव की झलक दिखती है। उनकी बोलने की शैली भी अलग है। वहीं एक न्यूज पोर्टल को इंटरव्यू देते हुए तेज प्रताप यादव ने भोजपुरी भाषा को लेकर अपनी राय पेश की थी।
लालू परिवार का गांव से लगाव और भोजपुरी से प्रेम की बात करते हुए तेजप्रताप यादव कुछ इस कदर उत्साहित हुए कि बात ही बात में उन्होंने भोजपुरी को आठवीं नहीं बल्कि पहली अनुसूची में डालने की बात कह दी। दरअसल, जब उनसे सवाल किया गया कि क्या भेाजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचित में जगह मिलना चाहिए तो तेजप्रताप यादव ने कहा कि इसको आठवीं अनुसूचि में क्या, इसे तो नंबर वन में डालना चाहिए। उन्होंने भोजपुरी के दुष्प्रचार पर भी चिंता जाहिर की और कलाकारों को भाषा के मर्यादित प्रयोग का सलाह भी दिया।
बता दें कि संविधान की आठवीं अनुसूची में भारत की आधिकारिक भाषाएं शामिल है। जिसमें भोजपुरी को भी शामिल करने की मांग लंबे समय से चल रही है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसकी मांग कर चुके हैं। वहीं बात संविधान की पहली अनुसूची की करें तो इसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों का जिक्र किया गया है। भारतीय संविधान में कुल 12 अनुसूचियां हैं जिनमें अलग-अलग संदर्भों में उल्लेख है।
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