दिल्ली-एनसीआर की हवा में घुला जहर, सरकार ने बुलाई बैठक, दो दिनों तक स्कूलों को बंद करने का आदेश

देश की राजधानी दिल्ली में हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। लोगों को सांस लेने में समस्या हो रही है। हर साल की तरह इस साल भी दिवाली से पहले ही एक्यूआई 400 के पार जा पहुंचा है। हवा की गति कम होने की वजह से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार ने आज बैठक बुलाई है। जिसमें ग्रैप का तीसरा चरण को कड़ाई से लागू कराने को लेकर चर्चा होगी।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सबसे पहले तो ये सोचना ग़लत है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण पर पूरी तरह से नियंत्रण कर सकती है क्योंकि प्रदूषण का मामला अकेले दिल्ली का नहीं है। यहां दिल्ली के बाहर के स्रोत अंदर के स्रोतों की तुलना में दोगुना प्रदूषण फैलाते हैं। इसलिए दिल्ली सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। 1 नवंबर के बाद 10-15 दिनों में मौसम में बदलाव होता है। हम स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे।

दिल्ली सरकार ने दो दिनों तक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दो दिनों तक स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर जानकारी दी। अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट साझा कर बताया कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। जिसे देखते हुए दिल्ली में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल अगले दो दिनों तक बंद रहेंगे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार, शुक्रवार सुबह आठ बजे तक दिल्ली के मुंडका इलाके का औसत एक्यूआई 500, आईटीओ में 451, नजफगढ़ में 472, आईजीआई एयरपोर्ट में 500, नरेला में 500 दर्ज किया गया। वहीं नोएडा के सेक्टर-125 में एक्यूआई 400 पर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है। सेक्टर-62 में 483, सेक्टर-1 में 413 और सेक्टर-116 में 415 पर ‘गंभीर’ श्रेणी में एक्यूआई रहा

रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ और पटना में अक्तूबर का पीएम 2.5 का स्तर 2022 और 2023 के बीच कम हुआ। हालांकि, यह पिछले कुछ वर्षों की तुलना में ज्यादा ही दर्ज किया गया। लखनऊ में 2019 और 2020 के बीच पीएम 2.5 में 55.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2021 में इसमें 53.4 प्रतिशत की गिरावट आई। 2022 में इसमें फिर से 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2023 में फिर से 0.9 प्रतिशत की गिरावट आई।

इस तरह पटना में पीएम 2.5 में 2019 और 2020 के बीच 14 फीसदी की गिरावट देखी गई। 2021 में इसमें 36.7 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके बाद 2022 में इसमें 47.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। फिर 2023 में इसमें 11.1 फीसदी की गिरावट आई।