उत्तरकाशी टलन में पिछले दिवाली की रात से फंसे 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया…सुरंग से निकालने वाला ऑपरेशन सिलक्यारा किसी खदान में फंसे मजदूरों को निकालने वाला देश का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन बना गया है। इससे पहले वर्ष 1989 में पश्चिमी बंगाल की रानीगंज कोयला खदान से दो दिन चले अभियान के बाद 65 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था।
दिन-रात एक कर इस अभियान को मकाम तक पहुंचाया
देश-दुनिया के विशेषज्ञों ने दिन-रात एक कर इस अभियान को मकाम तक पहुंचाया। 13 नवंबर 1989 को पश्चिम बंगाल के महाबीर कोल्यारी रानीगंज कोयला खदान जलमग्न हो गई थी। इसमें 65 मजदूर फंस गए थे। इनको सुरक्षित बाहर निकालने के लिए खनन इंजीनियर जसवंत गिल के नेतृत्व में टीम बनाई गईं।
उन्होंने सात फीट ऊंचे और 22 इंच व्यास वाले स्टील कैप्सूल को पानी से भरी खदान में भेजने के लिए नया बोरहॉल बनाने का आइडिया दिया। दो दिन के ऑपरेशन के बाद आखिरकार सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। उस अभियान में गिल लोगों को बचाने के लिए खुद एक स्टील कैप्सूल के माध्यम से खदान के भीतर गए थे।
You must be logged in to post a comment.