पटना में ही हर महीने दो दर्जन से अधिक साइबर क्राइम के केस, सरगना को क्‍यों नहीं पकड़ पा रही बिहार की पुलिस?


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बिहार की राजधानी पटना के करीब सभी थानों में हर महीने साइबर क्राइम के दो दर्जन से अधिक केस दर्ज होते हैं। बिजली बिल का लिंक भेजकर तो कभी क्रेडिट कार्ड के नाम पर लोगों से 50 हजार से 5 लाख रुपये तक की ठगी हो जा रही है। बावजूद पटना पुलिस साइबर अपराधियों के सरगना तक नहीं पहुंच पा रही है।

जंबोजेट टीम भी हो जा रही नाकाम….

पत्रकारनगर में तीन, दीघा और एसकेपुरी में दो ठग गिरोह के सरगना का नाम उजागर हो चुका है, लेकिन एक की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जबकि साइबर क्राइम के मामलों की जांच के लिए राजधानी में तीन साइबर सेल यूनिट तक खाेले गए और राज्य में सात सौ से अधिक पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। बावजूद पुलिस ऐसे गिरोह पर न तो नकेल कस पा रही है और न कहीं इनके ठिकानों तक पहुंच पा रही है।

पत्रकारनगर वाले मामले में भी सरगना अब तक फरार…..

पिछले साल अक्टूबर माह में पत्रकारनगर थाने की पुलिस ने साइबर ठग गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया। इनके पास से अलग अलग बैंकों के एटीएम कार्ड, पासबुक बरामद हुआ। पूछताछ में पता चला गिरोह का सरगना संतोष, आदर्श और गौरव है, जो फरार हो गए थे। पुलिस उन्हें आज तक गिरफ्तार नहीं कर सकी। इसके अलावा दो अन्य सरगना का नाम आ चुका है, जिनके गांव के बारे में तो पुलिस को जानकारी मिली, लेकिन वह वहां नहीं मिलेे। इसके बाद पुलिस उनकी तलाश भी नहीं की।

पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में मिले फर्जी काल सेंटर वाले…..

वहीं दीघा थाने की पुलिस ने दो माह पूर्व पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र में चार ऐसे शातिर को गिरफ्तार किया जो फर्जी काल सेंटर चलाते थे। अमेरिका के लोगों के कंप्यूटर सिस्टम को सही करने के नाम पर डालर में ठगी करते थे। गिरोह को मनेर का पिंटू आपरेट कर रहा था। फिलहाल अभी तक पिंटू को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। ऐसे में ही एसकेपुरी में दो सरगना का नाम उजागर हो चुका है।

एटीएम के 280 मामले आये , नहीं मिला सुराग….

स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूराे 2021 के आंकड़ों पर गौर करें तो साइबर क्राइम के कुल मामले 775 आए थे। इसमें आनलाइन बैंकिंग फ्राड के 117, ओटीपी के 23 सहित अन्य मामले दर्ज हुए। कई मामले की जांच अभी जारी है। जबकि 280 मामले ऐसे है, जो जांच में छानबीन में सत्य पाए गए, लेकिन साइबर अपराधियों को सुराग नहीं मिला। इसके बाद से यह मामले पुलिस रिकार्ड में लंबित है।