वीसी साहब लॉकडाउन में PU खोलकर कैसे बचाएंगे सोशल डिस्टेंस! क्या नहीं उड़ेगा इसका मजाक?

एक ओर जहां कोरोना से जंग को लेकर देश में लॉकडाउन को बढ़ाया गया है वहीं पटना विश्विद्यालय के सभी कार्यालय 20 अप्रैल से खुल जाएंगे । इसमें विश्विद्यालय के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों के दफ्तर भी शामिल है। इस बावत पटना विश्विद्यालय के कुलपति ने एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में दफ्तरों में सभी कर्मी सोशल डिस्टेंस का पालन करने एवं मास्क के प्रयोग करने जैसी सलाह भी दी गयी है।

पटना विश्विद्यालय के कुलपति का पत्र केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के परे है, क्यूँ कि यदि बात केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा 15 अप्रैल 2020 को जारी आदेश संख्या 40-3/2020 DM-I(A) कंडिका 1(vi) एवं 1(xi) में साफ़ तौर पर कहा गया है की सभी शैक्षणिक, प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। जबकि इसी आदेश की कंडिका 1(xiii) में स्पष्ट किया गया है कि अंत्येष्टि के मामले में भी 20 से अधिक व्यक्तियों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

गृह मंत्रालय कहता है, लॉकडाउन गाइडलाइंस पर सख्ती से अमल होगा

राज्य सरकारें अपने क्षेत्रों में किसी भी तरह से लॉकडाउन से जुड़ी गाइडलाइंस में ढील नहीं देंगी।

इसका हवाला दे कर

नीतीश कहते हैं कि कोटा में फंसे छात्रों की घर वापसी लॉकडाउन के नियमों के खिलाफ है।

बतादें कि कोटा में फंसे छात्रों की घर वापसी को लेकर जब राजस्थान सरकार की ओर से इन छात्रों को अपने घर लौटने के लिए पास जारी किए जाने लगे। कुछ छात्र अपने गृह राज्य की सीमा पर पहुंचे तो उन्हें रोक दिया गया। इसकी सुचना बिहार सरकार ने केंद्र को तुरंत पत्र लिखकर दी है। वही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने योगी सरकार के कोटा बस भेजने के फैसले को लॉकडाउन का माखौल उड़ाना बताया है। उन्होंने राजस्थान सरकार से बसों का परमिट वापस लेने तथा कोटा में ही विद्यार्थियों को सुविधा व सुरक्षा देने की मांग की है, बढ़ते कोरोना संक्रमन के के बीच अगर देखा जाये तो बहुत हद तक ये सही भी है। शायद यही कारण रहा है कि नीतीश कुमार कई बार यह कह चुके हैं कि इस तरह से सड़क मार्ग से लोगों के आने-जाने से लॉकडाउन के साथ खिलवाड़ होता है।

CM नीतीश भी कहते हैं सोशल डिस्‍टेंसिंग ही कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के नाम संदेश में कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पूरी मानव जाति संकट के दौर से गुजर रही है। देश में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इस महामारी की गंभीरता को देखते हुये प्रत्येक व्यक्ति का सचेत रहना नितांत आवश्क है। सोशल डिस्टेंसिंग ही इससे बचाव का एकमात्र प्रभावी उपाय है। इसी को देखते हुए समाज के व्यापक हित में लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाया गया है।

लेकिन दूसरी ओर बिहार सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान सरकारी दफ्तरों को खोलने को लेकर गाइड लाइन के साथ सामान्य प्रशासनिक विभाग द्वारा अपने आदेश संख्या 4-पद-3-102/14 में 15 अप्रैल 2020 को केंद्र द्वारा जारी आदेश संख्या 40-3/2020 DM-I(A) कंडिका 19(ii) का उल्लेख करते हुए बिहार सरकार के गृह विभाग के पत्रांक 268 का हवाला दे कर सभी सरकारी कार्यालयों को खोलने का आदेश जारी किया गया है। जिसमें 20 अप्रैल से सरकारी कार्यालयों को खोलने को लेकर कुछ जरुरी दिशा निर्देश भी दिए गए।

अब सवाल ये उठता है जब पटना विश्विद्यालय, एक ओर राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश का हवाला देकर विश्विद्यालय, लॉक डाउन के बीच 20 अप्रैल से खोलने जा रहा है तो दूसरी ओर केंद्र द्वारा जारी गाइड लाइन की अनदेखी क्यों कर रहा है।

बतादें कि बिहार में कॉलेज के शिक्षकों की सेवा निर्वृत की आयु सीमा 65 वर्ष है। जबकि कुलपति के साथ पटना विश्विद्यालय के अधिकतर शिक्षक आने वाले दस वर्षों में सेवा निर्वृत हो जायेंगे। वहीँ पीएम मोदी ने सप्तबधी विजय प्राप्ति महामंत्र दिए हैं, जिसका पालन करने के लिए देशवासियों से अपील में बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की बात कही है।