डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एदानोम गेब्रेसस ने उम्मीद जताई है कि कोरोना की महामारी दो साल के भीतर खत्म हो जाएगी। वर्ष 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू की महामारी दो साल से ज्यादा वक्त तक दुनिया में कहर बरपाती रही थी। दटेड्रोस ने इसे धरती पर सदियों में एक बार आने वाला वैश्विक संकट बताया। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में कोरोना स्पेनिश फ्लू की तुलना में बेहद तेजी से पूरी दुनिया में फैल गया। आज दुनिया में ऐसी तकनीक हैं, जो ऐसी महामारी से लड़ सकती हैं, लेकिन तब ऐसी सुविधाएं भी नहीं थीं।
डब्ल्यूएचओ के आपदा प्रमुख डॉ. माइकेल रेयान ने कहा कि 1918 के फ्लू की दुनिया में तीन लहरें आई थीं और इनमें दूसरी लहर सबसे ज्यादा खतरनाक थी। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता है कि कोविड-19 भी इसी पैटर्न पर आगे बढ़ेगा। रेयान ने कहा कि वैसे तो वायरस मौसम के हिसाब से अपनेआप कमजोर पड़ने लगता है, लेकिन कोरोना वायरस के मामले में अब तक ऐसा नहीं देखा गया है।
देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अगस्त महीने में कोरोना वायरस के जितने मामले सामने आ रहे हैं, ऐसा लग रहा है कि भारत में कोविड-19 अपने पीक की ओर बढ़ रहा है। आज सुबह के आंकड़ों की बात करें तो 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के करीब 70 हजार मामले दर्ज किए गए हैं और वहीं 945 लोगों की मौत के नए मामले आने के बाद देश में अब तक 55,794 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 22,22,578 लोग ठीक/ डिस्चार्ज या माइग्रेट हुए हैं।
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