श्रमिकों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, मजदूरों को खाना मुहैया कराए सरकार, केंद्र ने कहा कि अब रोड पर कोई मजदूर नहीं

देश में लागू लॉकडाउन  के बीच श्रमिकों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के दौरान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि 17 जनवरी से ही केंद्र की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई थीं. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारे देश ने सौभाग्य से जल्दी और निवारक कदम उठाए. मेहता ने बताया कि जिनमें भी लक्षण दिखे उन्हें तुरंत क्वारंटीन किया गया. इस मामले की सुनवाई के दौरान गृह सचिव और संयुक्त सचिव गृह सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के ऑफिस में मौजूद थे.

 

श्रमिकों के पलायन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, मजदूरों को खाना मुहैया कराए सरकार, केंद्र ने कहा कि अब रोड पर कोई मजदूर नही

मजदूरों को खाना मुहैया कराए सरकार

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने अपनी याचिका में कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के मद्देनजर मजदूरों के लिए तुरंत खाना, आश्रय मुहैया कराने के निर्देश देने के लिए कहा है। जिसपर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि मजदूरों के अंतरराज्यीय पलायन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है।

आश्रय स्थल में रखे गए हैं मजदूर

तुषार ने शीर्ष अदालत को बताया की 22 लाख 88 हजार से ज्यादा लोगों को खाना दिया जा रहा है। यह सभी जरुरतमंद, प्रवासी और दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग हैं। उन्हें आश्रय स्थल में रखा गया है।’

3 लाख 48 हजार लोगों की निगरानी

केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मौजूद मेहता ने बताया कि 28 दिन के भीतर 3लाख 48 हजार लोगों की निगरानी की गई. श्रमिकों के पलायन पर केंद्र ने कहा कि अब रोड पर कोई मजदूर नहीं है. उन्होंने बताया कि 3 में 1 मजदूर अपने गांव वायरस ले गया है.