देश के सर्वोच्च वैज्ञानिक शोध संस्थान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडकल रिसर्च ने एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि कोविड-19 कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के क्लस्टर जोन और बड़े प्रवास केंद्रों में रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट शुरू किए जाएं। यानी खून के जरिए कोरोना वायरस की जांच, अगर रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट निगेटिव आता है तो मरीज का आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट किया जाए। अगर टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो उस व्यक्ति को प्रोटोकॉल के अनुसार आइसोलेशन में रखें, इलाज करें और उनके संपर्क में आए लोगों को खोजा जाए।
अगर आरटी-पीसीआर नहीं हो पता है तो शख्स को तत्काल होम क्वारनटीन करवाया जाए । दिन पर रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट करें. टेस्ट पॉजिटिव आता हो तो अगले 10 दिन के लिए उन्हें घर में आइसोलेशन में रखा जाए. अगर स्थिति बिगड़ती है तो मरीज को अस्पताल या प्रवास केंद्र के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया जाए।
क्या है रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट
रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट में मरीज के खून का सैंपल लिया जाता है. इसका रिजल्ट 15 से 20 मिनट में ही आ जाता है. इसमें उंगली में सुईं चुभोकर खून का सैंपल लिया जाता हैं. इसमें यह देखा जाता है कि संदिग्ध के खून में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी काम कर रहा हैं या नहीं।
इन्होंने भेजी थी सलाह
वहीं रैपिड एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट की एडवाईजरी आने के बाद चिकित्सकों ने इसका स्वागत किया है। पटना के जाने माने चिकित्सक डॉ प्रभात रंजन ने कहा कि हम इसका स्वागत करते हैं। मैने कुछ दिन पहले इसे लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च को सलाह भी दी थी। मुझे खुशी है कि यह सलाह मानी गयी।
जानिए क्या कहा था डॉ प्रभात रंजन
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