1 अगस्त से बदल गया है सैलरी से जुड़ा ये नियम, नौकरी करने वाले जरूर पढ़ लें यह खबर

1 अगस्त यानि आज से देश में कई नियम बदल गये हैं। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान में तीन महीने के लिए कटौती लागू करने का फैसला लिया था। जुलाई तक इसे 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी अंशदान करने का फैसला लिया गया। 31 जुलाई को यह अवधि समाप्त हो गई। इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत की थी। 1 अगस्त से पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत आने वाले कर्मचारी और नियोक्ता के लिए योगदान फिर से 12-12 फीसदी (कुल 24 फीसदी) हो गया है।

क्या है नियम?

सरकार की ईपीएफ योजना के नियमों के अनुसार, कर्मचारी हर महीने अपने वेतन में बेसिक वेतन प्लस डीए का 12 फीसदी अपने ईपीएफ खाते में योगदान देता है। इतना ही नहीं, नियोक्ता को भी समान रूप से यानी 12 फीसदी का योगदान करना होता है। इस तरह कुल मिलाकर कर्मचारी के ईपीएफ खाते में 24 फीसदी जमा हो जाता है। 24 फीसदी योगदान में से कर्मचारी का हिस्सा (12 फीसदी) और नियोक्ता का 3.67 फीसदी हिस्सा ईपीएफ खाते में जाता है। बाकी का 8.33 फीसदी हिस्सा पेंशन योजना खाते में जाता है।