केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कम्पनियों पर लगाया लगाम, OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइन्स

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कम्पनियों के लिए नियमों में बदलाव और इंटरमीडियरी जवाबदेही पर नए दिशा निर्देशों का एलान किया है। साथ ही सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्मस के लिए भी नई गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है।  रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन अब सरकार सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री को मंजूरी नहीं देगी।

गलत इस्तेमाल हो रहा सोशल मीडिया – रविशंकर

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने देखा है कि लोग अब हिंसा फैलाने के लिए भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया को दो श्रेणियों में बांटा गया है, एक इंटरमीडरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल ​मीडिया इंटरमीडरी। सिग्निफिकेंट सोशल ​मीडिया इंटरमीडरी पर अतिरिक्त कर्तव्य है, हम जल्दी इसके लिए यूजर संख्या का नोटिफिकेशन जारी करेंगे।

24 घंटों के अंदर हटाने होंगे, महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट – रविशंकर

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अब सोशल मीडिया की तीन स्तरीय निगरानी होगी। एक शिकायत निवारण तंत्र रखना होगा और शिकायतों का निपटारा करने वाले ऑफिसर का नाम भी रखना होगा। ये अधिकारी 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण करेगा और 15 दिनों में उसका निपटारा करेगा। कंपनियों को महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट 24 घंटों के अंदर हटाने होंगे। कंपनियों को नियमों का पालन करने पर हर महीने सरकार को रिपोर्ट देनी होगी। उन्होंने कहा कि जिसने सबसे पहले आपत्तिजनक पोस्ट डाली, उसके बारे में सरकार को बताना पड़ेगा। तीन महीनों के अंदर नियमों का पालन करना होगा।

OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइन्स

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए अब एक नियम की बात करते हुए कहा कि हमें ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए नियम बनाने को लेकर हर दिन सैकड़ों पत्र मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओटीटी और डिजिटल मीडिया के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था की गई है।