राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरूवार से आवश्यक या आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजल, पेट्रोल या केरोसिन से चलने वाले सभी क्षमताओं के जेनरेटर सेट के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर यह फैसला किया है।
डीपीसीसी ने क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) (GRAP) के तहत राजधानी में गुरुवार से जेनरेटर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने का निर्देश जारी किया है। ग्रैप प्रदूषण रोधी उपाय है जिसे स्थिति की गंभीरता के मुताबिक दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में लागू किया जाता है। इसे 2017 में पर्यावरण और वन मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अनिवार्य किए गए पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण के मार्फत लागू करने के लिए अधिसूचित किया था।
एक सरकारी आदेश के मुताबिक, ”डीपीसीसी 15 अक्टूबर से अगले आदेश तक दिल्ली में डीजल, पेट्रोल या केरोसिन से चलने वाले सभी क्षमता के जेनरेटर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करता है। यह आदेश आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले जेनरेटर सेट पर लागू नहीं होगा।
आवश्यक सेवाओं में स्वास्थ्य सुविधाएं, एलेवेटर, रेलवे सेवाएं, दिल्ली मेट्रो, हवाई अड्डे और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल तथा नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर की तरफ से संचालित डाटा सेंटर शामिल हैं।
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