ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा से पीएम मोदी बोले: ‘बाधाओं के बावजूद आपने चमत्कार किया’

भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक का आगाज से ज़्यादा शानदार अंजाम रहा है। नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में देश के लिए पहला गोल्ड जीतकर (Neeraj Chopra Gold Medal) इतिहास रच दिया। उन्होंने शनिवार को अपने इवेंट के फाइनल में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका और ट्रैक एंड फील्ड एथलेटिक्स में देश को ओलंपिक का पहला सोने का तमगा दिलाया। नीरज के गोल्ड जीतने के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उनसे फोन पर बात की। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

पीएम मोदी  वीडियो में कहते हैं, ‘बहुत-बहुत बधाई नीरज जी, आपको चोट भी आयी थी फिर भी आपने बड़ा कमाल कर दिया। यह मेहनत के कारण होता है। जब आप जा रहे थे तो मैने आपको देखा आपके चेहरे में आत्मविश्वास था ना कि दबाव। आपने ऐसा काम किया है कि हमारे देश के बच्चों का मन स्पोर्ट्स में करियर बनाने का करेगा। आपके माता और पिता जी को मेरी ओर से प्रणाम कहिये, राधाकृषण जी को बधाई कहिये. तो 15 अगस्त को मिल रहे हैं भैया, बहुत-बहुत बधाई।’

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट पर भी लिखा कि गोल्ड जीतने के बाद मैंने नीरज से बात की और उन्हें इस उपलब्धि के लिए बधाई। उन्होंने टोक्यो 2020 के दौरान कड़ी मेहनत और तप किया। वो बेहतरीन खेल प्रतिभा और खिलाड़ी भावना का परिचय देते हैं. भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं।

इससे पहले, पीएम मोदी ने नीरज के गोल्ड जीतने के फौरन बाद भी एक ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लिखा था कि टोक्यो में इतिहास रचा गया. नीरज चोपड़ा ने आज जो हासिल किया है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। युवा नीरज ने असाधारण प्रदर्शन किया। वह काफी जुनून से खेला और उसने अद्वितीय संयम दिखाया। टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई।

मेरा गोल्ड मिल्खा सिंह को समर्पित: नीरज

चोपड़ा ने कहा कि भारत ने ओलंपिक में कई पदक जीते। हमने हॉकी और निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीते हैं लेकिन हमारे कुछ महान एथलीट जैसे मिल्खा सिंह और पीटी उषा किसी तरह पदक हासिल करने में असफल रहे। तो यह (एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक) जरूरी था। नीरज ने ओलंपिक स्वर्ण स्वर्गीय मिल्खा सिंह को समर्पित किया है। दिग्गज धावक मिल्खा सिंह को समर्पित किया जिनका जून में कोविड-19 के कारण निधन हो गया था। नीरज की तरफ से मिले इस सम्मान से मिल्खा सिंह के पुत्र और स्टार गोल्फर जीव मिल्खा सिंह भावुक हो गए और उन्होंने तहेदिल से उनका आभार व्यक्त किया।

‘मैं ओलंपिक गेम्स का रिकॉर्ड तोड़ना चाहता था’

हरियाणा के पानीपत में रहने वाले नीरज ने पदक जीतने के बाद कहा कि दो-तीन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने से मुझे बहुत मदद मिली। इसलिए टोक्यो ओलंपिक में खेलते समय मुझ पर कोई दबाव नहीं था और मैं अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम था। एक अच्छा पहला थ्रो आपको आत्मविश्वास देता है और दूसरों पर दबाव बनाता है। मेरा दूसरा थ्रो भी बहुत स्थिर था। मेरा व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 88.07 मीटर था। इसलिए मैंने 90.57 मीटर के ओलंपिक रिकॉर्ड को तोड़ने का फैसला किया। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया लेकिन नहीं कर सका। मेरा लक्ष्य जल्द ही 90 मीटर के निशान को हासिल करना है।