केंद्र सरकार ने मुफ़्त राशन की योजना को अगले छह महीने यानी सितंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है। ये योजना सबसे पहले अप्रैल 2020 में लागू हुई थी जब देश में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद पहला लॉकडाउन लगाया गया था।
हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में मुफ्त राशन की इस योजना को बीजेपी की वापसी का सबसे अहम कारण माना जा रहा है। पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान एक महिला मतदाता ने अपना किस्सा सुनाया था जो बीजेपी का इसलिए समर्थन कर रही थी क्योंकि उसने “मोदी का नमक” खाया था।
इस योजना के तहत देशभर में 80 करोड़ राशनकार्ड धारकों को लाभ पहुंचता है। इन लोगों को हर महीने 5 किलो चावल या गेहूं और 1 किलो दाल भी मुफ्त में दी जाती है। केंद्र सरकार की योजना से इतर उत्तर प्रदेश सरकार भी हर माह ग़रीबों को 1 किलो चना, तेल और नमक देती है। इस पर 950 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च किए जाते हैं।
कैबिनेट बैठक के बाद सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, “भले ही कोरोना महामारी में कमी आई हो और आर्थिक गतिविधियां भी रफ़्तार पकड़ रही हों, पीएम-जीकेएवाई योजना की अवधि को बढ़ाने से ये सुनिश्चित होगा कि कोई भी ग़रीब रात में भूखे पेट नहीं सोएगा।”
सरकार ने अभी तक इस योजना पर तक़रीबन 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं और आने वाले दिनों में इस योजना पर कुल लागत करीब 3.40 लाख करोड़ तक होगी।
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