गुजरात के मोरबी में 108 फीट ऊंचा हनुमान जी के मूर्ति का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया अनावरण।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हनुमान जयंती पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के मोरबी में निर्मित हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। हनुमान जी चार धाम परियोजना के तहत देशभर में चार दिशाओं में स्थापित की जा रही चार मूर्तियों में से यह दूसरी प्रतिमा है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने देशवासियों को हनुमान जयंती के पावन पर्व की शुभकामनाएं दीं। अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि इस पावन अवसर पर आज मोरबी में हनुमान जी की इस भव्य मूर्ति का लोकार्पण हुआ है। ये देश और दुनिया भर के हनुमान भक्तों के लिए, रामभक्तों के लिए बहुत सुखदायी है, आप सभी को बहुत-बहुत बधाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि हनुमान जी अपनी भक्ति से, अपने सेवाभाव से, सबको जोड़ते हैं। हर कोई हनुमान जी से प्रेरणा पाता है। हनुमान वो शक्ति और सम्बल हैं जिन्होंने समस्त वनवासी प्रजातियों और वन बंधुओं को मान और सम्मान का अधिकार दिलाया। इसलिए एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी हनुमान जी एक अहम सूत्र हैं। उन्होंने कहा, मुझे बताया गया है कि हनुमान जी की इस तरह की 108 फीट ऊंची प्रतिमा देश के अलग-अलग कोने में स्थापित की जा रही है।

हम पिछले कई वर्षों से शिमला में हनुमान जी की प्रतिमा देख रहे हैं, आज मोरबी में दूसरी प्रतिमा स्थापित हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दो अन्य मूर्तियों को दक्षिण में, रामेश्वरम और पश्चिम बंगाल में स्थापित करने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि रामकथा का आयोजन भी देश के अलग-अलग हिस्सों में किया जाता है। भाषा-बोली जो भी हो, लेकिन रामकथा की भावना सभी को जोड़ती है, प्रभु भक्ति के साथ एकाकार करती है। यही तो भारतीय आस्था की, हमारे आध्यात्म की, हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा की ताकत है। इसने गुलामी के मुश्किल कालखंड में भी अलग अलग हिस्सों और अलग अलग वर्गों को जोड़ा, आजादी के राष्ट्रीय संकल्प के लिए एकजुट प्रयासों को सशक्त किया। ‘सबका साथ, सबका प्रयास का उत्तम प्रमाण प्रभु राम की जीवन लीला’ है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हजारों वर्षों से बदलती स्थितियों के बावजूद भारत के अटल और अडिग रहने में हमारी सभ्यता और संस्कृति की बड़ी भूमिका रही है। हमारी आस्था और संस्कृति की धारा सद्भाव, समावेश, समभाव की है। इसलिए जब बुराई पर अच्छाई को स्थापित करने की बात आई तो प्रभु राम ने सक्षम होते हुए भी, सबका साथ लेने का, सबको जोड़ने का, समाज के हर तबके के लोगों को जोड़ने का और सबको जोड़कर उन्होंने इस काम को संपन्न किया। यही तो है सबका साथ, सबका प्रयास का उत्तम प्रमाण। जिसके हनुमान जी बहुत अहम सूत्र रहे हैं।