मुंबई ड्रग्स केस मामले में समीर वानखेड़े पर गिरी गाज, वानखेड़े के जांच पर उठे कई सवाल।

भारत की माया नगरी कहे जाने वाली मुंबई की कहानी बहुत ही रहस्य से भरी हुई है। भारत के बड़े राज्यों की राजधानियां बड़े शहरों की बात करें तो बड़े शहरों में नशा का कारोबार बड़े ही बृहद पैमाने पर चोरी-छिपे चलता है। बात जब मुंबई की आती है तो ड्रग्स, ब्राउन शुगर, कोकीन और वीड जैसे कई मादक पदार्थों का चर्चा करना जरूरी हो जाता है। फिल्म सिटी के नाम से मशहूर मुंबई बाहर से कुछ और दिखता है पर इसके धरातल की हकीकत कुछ और ही बयां करती है।

सुशांत सिंह राजपूत के मौत के बाद जिस तरह से मुंबई में ड्रग्स तस्करों का भंडाफोड़ होना शुरू हो चुका था वहीं दूसरी तरफ हाई प्रोफाइल माता पिता के बच्चे भी इन तस्करों के जाल में फंसते नजर आ रहे थे मुंबई से ड्रग्स के जाल को हटाने के लिए अधिकारियों की मीटिंग की जा रही थी जांच प्रक्रिया भी चलाए जा रहे थे मीडिया के सामने आकर अधिकारियों के द्वारा कई तरह के बयान भी दिए जा रहे थे। परंतु न्याय के मंदिर कहे जाने वाले अदालत में जब यह वारदात पहुंची तो इस पूरे मामले में भारत वासियों को एक अलग ही मोड़ देखने को मिला।

भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी समीर वानखेड़े, जिन्होंने मुंबई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) का नेतृत्व किया था। जब ब्यूरो ने पिछले साल अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन समेत कई लोगों को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया था तो उस वक्त डीजी करदाता को स्थानांतरित कर दिया गया था। चेन्नई में सेवा निदेशालय अधिकारी को पहले एनसीबी से उनके स्थानांतरण के बाद मुंबई में विश्लेषिकी और जोखिम प्रबंधन महानिदेशालय (डीजीएआरएम) के रूप में तैनात किया गया था।

एक अंग्रेजी पत्र द इंडियन एक्सप्रेस की माने तो सोमवार का घटनाक्रम एनसीबी एसआईटी द्वारा आर्यन को छुट्टी देने के कुछ दिनों बाद आया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सरकार से वानखेड़े के खिलाफ मामले में “घटिया जांच” के लिए जांच शुरू करने को कहा है। पिछले हफ्ते दायर एनसीबी चार्जशीट में आर्यन का नाम नहीं था; ब्यूरो के अधिकारियों ने कहा कि आर्यन को मामले में आरोपित किया गया था, हालांकि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था।

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से जुड़े नशीले पदार्थों के मामले की जांच के लिए वानखेड़े को 2020 में एनसीबी में स्थानांतरित कर दिया गया था – इस मामले में उनकी दोस्त रिया चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया गया था। एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, वानखेड़े ने कई मामले दर्ज किए, जिनमें कम मात्रा में नशीले पदार्थों की जब्ती शामिल थी। छोटी मात्रा से जुड़े मामलों में छापेमारी करने के लिए वानखेड़े की आलोचना की गई, क्योंकि एनसीबी को बड़े ड्रग नेटवर्क की तलाश करनी थी।
वानखेड़े को यह भी सामना करना पड़ा कि उनका जाति प्रमाण पत्र फर्जी था। महाराष्ट्र में ये सच हैं या नहीं, इसकी जांच की जा रही है।

इस पूरी घटना के बाद एनसीबी के डीजी ने कहा था कि जांच में हुई चूक और प्रक्रिया का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एनसीबी के डीजी एसएन प्रधान ने भी ये माना था कि इस मामले में समीर वानखेड़े और उनकी टीम से गलती हुई। सूत्रों ने ये भी कहा था कि सरकार ने समीर वानखेड़े की गलत जांच के लिए उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

अब एनसीबी के जोनल डायरेक्टर रहे और मामले की जांच करने वाले समीर वानखेड़े की एनसीबी से विदाई हो गई है। समीर वानखेड़े के तबादले को आर्यन खान केस की जांच में चूक और प्रक्रिया का पालन न करने को लेकर हुए एक्शन के तौर पर देखा जा रहा है।