विदेशी फंडिंग से जुड़े नियमों में केंद्र ने किए 7 बदलाव, आम आदमी को सहूलियत, NGOs पर कसी नकेल

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय द्वारा विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (Foreign Contribution (Regulation) Act 2010) और उसके नियमों में शुक्रवार रात 2 गजट अधिसूचनाओं के माध्यम से 7 परिवर्तन किए.

अब राजनीतिक दल, विधायक सदस्य, चुनाव उम्मीदवार, न्यायाधीश, सरकारी कर्मचारी, पत्रकार और मीडिया घरानों सहित अन्य- सभी को, विदेशी योगदान प्राप्त करने से रोक दिया गया है. हालांकि, यदि वे विदेश में रिश्तेदारों से विदेशी योगदान प्राप्त करते हैं और 90 दिनों के भीतर सरकार को सूचित करने में विफल रहते हैं, तो उन पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा.

पहले 30 दिन में ही सूचना देने का प्राविधान था. इसके लिए FCRA के नियम 6 में बदलाव किया गया है. अगर आपका कोई रिश्तेदार विदेश में रहता है तो वह अब बिना किसी रुकावट के आपको साल में 10 लाख रुपये तक भेज सकता है. इसके लिए आपको किसी सरकारी विभाग या प्रशासनिक इकाई को सूचना देने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. पहले इस अंशदान की यह सीमा सिर्फ 1 लाख रुपये थी. नए नियम, जिसे अब विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन नियम, 2022 का नाम दिया गया है, 1 जुलाई से लागू हो गए हैं.

सरकारी अधिकारी विदेशी सहयोग नहीं ले सकेंगे

संशोधित एफसीआरए में सरकारी अधिकारियों के विदेशी अंशदान लेने पर रोक लगा दी गई है. साथ ही एनजीओ के हर पदाधिकारियों के लिए आधार जमा कराना अनिवार्य बना दिया गया है.

एनजीओ का FCRA के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य

नए नियमों के मुताबिक विदेशी चंदा हासिल करने वाले संगठन प्राप्त धनराशि का 20 प्रतिशत से अधिक रकम प्रशासनिक कार्यों के लिए खर्च नहीं कर सकते हैं. पहले यह सीमा 50 प्रतिशत धनराशि की थी. विदेश से चंदा प्राप्त करने वाले सभी गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को एफसीआरए के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.

बैंक अकाउंट में किसी भी बदलाव की देनी होगी जानकारी

इसी तरह विदेशी अंशदान से संबंधित बैंक खातों से जुड़े नियम 9 में भी बदलाव किया गया है. अगर विदेश से मिलने वाले धन और उसके उपयोग से जुड़े बैंक खाते में किसी तरह का बदलाव किया जाता है, तो संबंधित व्यक्तियों, संगठनों या एनजीओ को केंद्रीय गृह मंत्रालय को इसकी सूचना 45 दिन में देनी होगी, पहले यह समय 30 दिन का था.

हर तिमाही दान से संबंधित जानकारी देने की बाध्यता खत्म

नियम 13 के प्रविधान ‘बी’ को हटा दिया गया है. इसके तहत विदेशी चंदे से संबंधित पूरी जानकारी हर तिमाही सरकार को देनी होती थी, जिसमें दानदाताओं, दान में मिली रकम, धनराशि मिलने की तारीख इत्यादि शामिल थी.

नौ महीने के भीतर देनी होगी बैलेंस शीट की ऑडिट रिपोर्ट

अब एफसीआरए के तहत विदेशी सहयोग हासिल करने वाले व्यक्ति को पूरा हिसाब-किताब और बैलेंस शीट की ऑडिट रिपोर्ट प्रत्येक वित्तीय वर्ष के बाद 9 महीने के भीतर अपनी आधिकारिक वेबसाइट या केंद्र द्वारा नामित वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी. विदेशी चंदा हासिल करने वाले व्यक्तियों या एनजीओ को हर तिमाही अब अपनी वेबसाइट पर भी प्राप्त चंदे के बारे में जानकारी देने की बाध्यता भी नहीं होगी.