कोविड महामारी और बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर खूब बयानबाजी हो रही है। चुनाव कराने को लेकर नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। प्रशांत किशोर ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना को लेकर स्थिति गंभीर बनती जा रही है। लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार को चुनाव की जल्दी है।
यह चुनाव का नहीं कोरोना से लड़ने का वक्त-पीके
प्रशांत किशोर ने कहा कि ’’देश के कई राज्यों की तरह बिहार में भी करोना की स्थिति बिगड़ती जा रही है लेकिन सरकारी तंत्र और संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा चुनाव की तैयारियों में लगा है. नीतीश कुमार ये चुनाव नहीं करोना से लड़ने का वक़्त है. लोगों की ज़िंदगी को चुनाव कराने की जल्दी में खतरे में मत डालिए।’’
चिराग पासवान ने भी चुनाव का किया विरोध
लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी शुक्रवार को कहा था कि’’ चुनाव आयोग को भी इस विषय पर सोच कर निर्णय लेना चाहिए। कहीं ऐसा ना हो की चुनाव के कारण एक बड़ी आबादी को खतरे में झोंक दिया जाए। इस महामारी के बीच चुनाव होने पर पोलिंग पर्सेंटेज भी काफी नीचे रह सकते है जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
लाशों के ढ़ेर पर चुनाव कराना चाहते हैं नीतीश-तेजस्वी
चिराग पासवान से पहले तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि बिहार में कोरोना संकट के बीच चुनाव कराना ठीक नहीं है। ऐसे में नीतीश कुमार बिहार में लाशों के ढेर पर चुनाव कराना चाहते हैं. नीतीश को डर है कि बिहार में कही राष्ट्रपति शासन न लग जाए।
जिस तरह से तमाम नेता लामबंद होकर चुनाव कराने का विरोध कर रहे हैं, वैसे में अब देखना होगा कि निर्वाचन आयोग चुनाव को लेकर क्या कदम उठाता है।
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