बिहार की सियासत में उफान, “अब जनता नीतीश को पीएम के तौर पर देखना चाहती है” JDU नेता बोले- केंद्र सरकार से नाराज हैं लोग

कहते हैं दिल्ली में सियासत का असल रंग बिहार और यू पी से ही आता है। अभी मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार और अपनी पार्टी के खिलाफ टिप्पणी कर बिहार की सियासत में हलचल पैदा करने वाले भाजपा के विधान पार्षद टुन्‍नाजी पांडेय बयान से उठा बवाल शांत नहीं हुआ था कि नीतीश के करीब बताये जाने वाले महेश्वर यादव ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ बयान बाजी करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने संपूर्ण क्रांति दिवस में कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का सपना देखा था और अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो उनका यह सपना पूरा हो जाएगा। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मची त्रासदी पर सवाल उठाते हुए केंद्र के खिलाफ आक्रोश जताया और तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौर में सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई और ना ही कोई अच्छा काम किया गया।

आगे उन्होंने कहा कि जनता बढ़ती महंगाई से केंद्र से नाराज है और अब देश की जनता नीतीश कुमार को पीएम के तौर पर देखना चाहती है।

JDU नेता ने कहा – हमारा गठबंधन केवल बिहार में है

मिडिया ख़बरों के अनुसार केंद्र पर हमले के दौरान जब उनसे पूछा गया कि बीजेपी पर तीखा वार कर रहे हैं और इससे गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा तो उन्होंने कहा बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन केवल बिहार में है केंद्र में नहीं। इसलिए जेडीयू केंद्र में सरकार बनाने और सीएम नीतीश कुमार पीएम के पद के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। महेश्वर यादव के इस बयान से बिहार की राजनीति और भी गरमागई है और इसका असर जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन पर भी देखन को मिल सकता है।

बता दें कि संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर महेश्वर यादव के आवास पर आयोजन किया गया था। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में बीजेपी पर हमला बोला। कुछ दिन पहले बीजेपी एमएलसी ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी की थी माना जा रहा है कि महेश्वर यादव का यह बयान उसी के पलटवार के रूप में दिया गया है।

शनिवार को उपेंद्र कुशवाहा का ट्वीट

लेकिन शनिवार को  उपेंद्र कुशवाहा ने नीति आयोग के हाल की रिपोर्ट को इसका आधार बनाया है, जिसमें नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को विकास के मानकों पर पिछड़ा बताया गया है। उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए विशेष राज्य के दर्जे की मांग को पूरा करना जरूरी बताया है।जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ को टैग कर ट्वीट किया है।

उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि बिहार-झारखंड विभाजन के बाद प्राकृतिक संपदाओं का अभाव और बिहारवासियों पर प्राकृतिक आपदाओं का लगातार दंश के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार अपने कुशल प्रबंधन से बिहार में विकास की गति देने में लगी है। वर्तमान दर पर अन्य राज्यों की बराबरी संभव नहीं है। अपने ट्वीट में की नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट को आधार बनाकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने और जदयू की वर्षों से लंबित मांग पर विचार करने और बिहार वासियों को न्याय देने का निवेदन किया है।

गौरतलब है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2013 में दिल्ली के रामलीला मैदान में अधिकार रैली के बहाने तीर छोड़कर कांग्रेस और भाजपा दोनों को इस बात का अहसास करा दिया था कि आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार उसी की बनेगी जिसके पक्ष में वह खड़े होंगे। आज भारत के कुल 28 राज्यों में से 10 को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है, और कम से कम पांच राज्य विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की गुहार समय-समय पर केंद्र सरकार से कर चुके हैं। इनमें बिहार भी शामिल है, जहां BJP खुद भी सत्ता में है। इस मांग को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी ज़ोर-शोर से उठाते भी रहे हैं। इस समय भारत के 10 राज्यों – असम, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और उत्तराखंड – को विशेष राज्य का दर्जा हासिल है, और पिछले कुछ सालों में बिहार के अलावा आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और गोवा ने विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है।