कृषि कानून के विरोध में पंजाब के 2 किसानों की मौत, अब तक 6 किसानों की हुई मौत

मोदी सरकार के द्वारा लाये गये तीन कृषि कानूनों का विरोध करते हुए शनिवार को पंजाब कि दो किसानों की मौत हो गयी। पंजाब में चल रहे किसानों के धरने में पटियाला और मानसा में एक-एक किसान की मौत हो गई। इससे पहले आंदोलन में शामिल चार किसानों की मृत्यु हो चुकी है। अब तक कुल छह किसानों की जान जा चुकी है। इस बीच, खेती कानूनों के विरोध में अमृतसर, गुरदासपुर, जालंधर, मुक्तसर, रोपड़ और संगरूर में किसानों का धरना- प्रदर्शन जारी रहा और भाजपा नेताओं के घर का घेराव किया। उधर, फिरोजपुर में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने रेल रोको आंदोलन 21 अक्तूबर तक बढ़ा दिया है।

विरोध में किसान लगातार कर रहे विरोध

पटियाला के गांव महिमदपुर जट्टां में प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के किसान नेता हरबंस सिंह की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। सुबह करीब साढ़े 9 बजे महिमदपुर जट्टां में हरबंस सिंह की अगुवाई में किसानों ने प्रदर्शन किया। हरबंस ने किसानों को संबोधित भी किया।

इसके बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ गया और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। विभिन्न किसान जत्थेबंदियों ने दो मिनट का मौन धारण कर किसान नेता को श्रद्धांजलि दी और साथ ही उन्हें किसानी संघर्ष के शहीद का दर्जा दिया। इस मौके पर किसान जत्थेबंदियों ने अपने आंदोलन को आने वाले दिनों में और उग्र करने का भी फैसला लिया।

आंदोलन में अब तक छह किसानों की मौत

इसके अलावा मानसा में रेलवे स्टेशन पर जारी धरने में शामिल गड़दी के एक किसान जगराज सिंह (56) की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। पंजाब किसान यूनियन के प्रांतीय उपाध्यक्ष गोरा सिंह भैणीवाघा ने बताया कि दिन में करीब 11 बजे धरनास्थल पर जगराज सिंह पुत्र मोहिंदर सिंह की तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृतक करार दे दिया। इससे पहले बुढलाडा में धरने में शामिल महिला तेज कौर और संगरूर के भुल्लड़हेड़ी के बुजुर्ग किसान लाभ सिंह समेत चार लोगों की आंदोलन के दौरान मौत हो चुकी है।