केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भारतीय खाद्य निगम के 58वें स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का किया आयोजन।

केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भारतीय खाद्य निगम के 58वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि एफसीआई भारत के खाद्य सुरक्षा के रीढ़ की हड्डी है। विजन, प्लानिंग और कर्मठता के साथ काम करके इसने भारत को “फूड सर प्लस” देश बनाया है।

नई दिल्ली में 14जनवरी को आयोजित कार्यक्रम को कोरोना से संक्रमण और होम आइसोलेशन के कारण केंद्रीय मंत्री चौबे ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। अपने संबोधन में चौबे ने कहा कि, “14 जनवरी का दिन हम सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, सब सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करता है। पूरा देश इस दिवस पर विभिन्न त्यौहारों को मनाता है। जिसमें भारत की जीवंत सास्कृतिक विविधता झलकती है और मुझे इस बात की बहुत ही खुशी है कि भारतीय खाद्य निगम की स्थापना भी आज ही के दिन सन् 1965 में किया गया था। मैं इस अवसर पर निगम के सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई देता हूं।”

उन्होंने कहा कि हाल ही के दिनों में मैंने भारतीय खाद्य निगम के कार्य-कलापों को देश के कुछ हिस्सों में बहुत नज़दीक से देखा है और मुझे यह कहते हुए बहुत ही गर्व महसूस होता है कि भारतीय खाद्य निगम देश की खाद्य सुरक्षा को अत्यंत ही सुदृढ तरीके से कायम करता है।

केंद्रीय मंत्री चौबे ने कहा कि, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारतीय खाद्य निगम की स्थापना 1964 के खाद्य निगम अधिनियम के तहत किया गया है। निगम के मूल 03 उद्देश्य हैं, जिसमें किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करते हुए खाद्यान्नों की खरीद करना, खाद्यान्नों को सरप्लस राज्यों से देश के कोने-कोने में ले-जाकर उचित भंडारण एवं रख-रखाव करना तथा भारत सरकार की योजनाओं के तहत इन खाद्यान्नों का वितरण करना। इन कार्यों को सुचारू रूप से करते हुए निगम ने पूरे देश को खाद्यान्नों की कमी के माहौल से पिछले 57 वर्षों में भारत को एक फूड सरप्लस देश बनाया है। मैं, निगम के इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए निगम से जुड़े सभी लोगों को हार्दिक बधाई देता हूँ। देखा जाए तो आज ही भारतीय खाद्य निगम देश की खाद्य सुरक्षा में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है, जो कि ना केवल खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत लगभग 81 करोड़ लोगों को खाद्यान्न मुहैया करा रहा है, बल्कि माहमारी के इस दौर में प्रधानमंत्री द्वारा चलाए गए गरीब कल्याण योजना में देश के कोने-कोने में सभी जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न मुहैया करा रहा है। इतना बड़ा कार्य-कलाप विश्व के किसी भी देश में नहीं होता, जो कि भारतीय खाद्य निगम कर रहा है। यह वाकई अत्यंत ही सराहनीय है। मुझे विश्वास है कि निगम के सभी सदस्य भविष्य के भी इस महत्वपूर्ण कार्य को अच्छे तरीके से करेंगे एवं देश की खाद्य सुरक्षा को गोरवान्वित करेंगे।