चुनावी प्रेसर से बिगड़े राजनीति के दो महार्थियों के बोल….

उत्तर प्रदेश में जैसे-जैस चुनाव की तारीख नजदीक आते जा रही है वैसे वैसे सियासी का पारा भी बढ़ते चला जा रहा है। इस का असर सियासी गलियारों में सातवे आसमान पर है जिसके प्रमाण राजनीतिक पार्टियों के दो दिग्गजों की भाषाएं दे रही है। सभी राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे को टारगेट करने का एक भी मौका नहीं छोड़ना चाह रही है।

सोमवार की रात यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा है। जिसके बाद, केजरीवाल भी भला कहां शांत रहने वाले थे। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्वीट का अरविंद केजरीवाल ने भरपूर जवाब दिया है।

एक तरफ सीएम योगी ने सुनो केजरीवाल कहा तो दूसरी ओर से दिल्ली के सीएम ने भी सुनो योगी करके ट्वीट किया। लड़ाई की हद में शायद हमारे देश के दो बड़े संवैधानिक और लोकतांत्रिक नेता शालीनता और प्रेम की भाषा को भूल चुके हैं। ऐसी निम्न कोटि के शब्दो से एक दूसरे का संबोधन वह भी ऐसे मंच से जहां पर लाखो लोग इन नेताओं को देखते हैं। इस प्रकार की भाषा का प्रयोग क्या लोकतंत्र के रक्षकों को शोभा देती है?

दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के जवाब को लेकर केजरीवाल के बयान की निंदा की। आपको बता दे कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत के लोगो की भावनाओ से राजनीति न करने का सुझाव देते हुए पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीटर पर एक ट्वीट किया।

इस ट्वीट में अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के द्वारा लोकसभा में दिए गए भाषणों को सरासर गलत बताते हुए नरेंद्र मोदी को लोगो की भावना की राजनीति करने वाला बता दिया।

जिसके बाद उत्तरप्रदेश के सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए कहा ‘अरविंद केजरीवाल का आदरणीय प्रधानमंत्री जी के बारे में आज का बयान घोर निंदनीय है। अरविंद केजरीवाल को पूरे राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए। गोस्वामी तुलसीदास जी ने उनके जैसे लोगों के बारे में ही कहा है कि… झूठइ लेना, झूठइ देना। झूठइ भोजन, झूठ चबेना।

इस ट्वीट के बाद सीएम योगी ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा ‘सुनो केजरीवाल, जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया। छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया। आपको मानवताद्रोही कहें या…।

तीसरे ट्वीट में सीएम योगी ने कहा ‘बिजली-पानी का कनेक्शन काटा व सोते हुए लोगों को उठा-उठा कर बसों से यूपी बॉर्डर पर भेजा गया। अनाउंसमेंट कर कहा गया कि आनंद विहार के लिए बसें जा रही हैं, उससे आगे यूपी-बिहार के लिए बसें मिलेंगी। यूपी सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम किया और उन्हें सुरक्षित वापस लाई । केजरीवाल को झूठ बोलने में महारथ हासिल है। जब पूरा देश आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा था तब केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों को दिल्ली से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

सीएम योगी से इस ट्वीट पर भला अरविंद केजरीवाल कहां शांत रहने बैठने वाले। केजरीवाल ने भी ठीक उसी तरह जवाब दिया जैसे यूपी के सीएम ने ट्वीट में दिया था। केजरीवाल ने ट्वीट की शुरुआत सुनो योगी से की। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा ‘सुनो योगी, आप तो रहने ही दो। जिस तरह UP के लोगों की लाशें नदी में बह रहीं थीं और आप करोड़ों रुपए खर्च करके Times मैगज़ीन में अपनी झूठी वाह वाही के विज्ञापन दे रहे थे। आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा।’