राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बढ़ी मुश्किलें, रांची के बाद अब पटना सीबीआई कोर्ट में होना होगा पेश।

बिहार की राजनीति के दिग्गज नेता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दो दिन पहले उन्हें डोरंडा कोषागार में दोषी पाया गया था, जिसमें उन्हें आगामी 21 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी।लेकिन इसी बीच अब राजद सुप्रीमो के लिए एक और परेशानी सामने आ गई है। उनके खिलाफ पटना सीबीआई की विशेष अदालत ने पेश होने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी करने का आदेश जारी कर दिया हैं। यह मामला भी चारा घोटाला से जुड़ा बताया जा रहा है। जिसमें लालू प्रसाद सहित तीन लोगों के नाम हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को तय की है। मतलब रांची में सजा सुनाए जाने के बाद लालू प्रसाद को अब पटना सीबीआई कोर्ट में पेश होना होगा।

चारा घोटाला के आरसी 63 ए, 1996 से जुड़ा यह मामला भागलपुर और बांका कोषागार से फर्जी विपत्र पर लाखों रुपए की निकासी का है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश की अदालत में बुधवार को मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान तीनों के वकीलों ने कोर्ट को आवेदन देकर कहा कि रांची सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाला के एक मामले में उन्हें दोषी करार दिया है। वे न्यायिक हिरासत में हैं। उसके बाद अधिवक्ताओं ने इस मामले में उन्हें पेश होने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी करने का अनुरोध किया। इसके बाद कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट जारी करने का आदेश दिया।

चारा घोटाला का यह मामला अभियोजन साक्ष्य पर चल रहा है। आरसी 63ए, 1996 के इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत 19 आरोपी हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद आरके राणा, नौकरशाह बेक जुलियस, फूलचंद सिंह समेत अन्य नामजदो पर पटना सीबीआई की विशेष अदालत में ट्रायल चल रहा है। इस मामले में सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक आरएन सिंह अबतक कुल 76 अभियोजन गवाह पेश कर गवाही करा चुके हैं। पिछले दिनों इस मामले में 76वें सीबीआई के गवाह पशुपालन विभाग के पूर्व निदेशक केके श्रीवास्ताव ने गवाही दी थी। चारा घोटाला के इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद समेत कुल 44 आरोपियों पर चार्जशीट दायर की थी। ट्रायल के दौरान 25 आरोपियों की मृत्यु हो गयी है। सीबीआई की विशेष अदालत ने मृत आरोपियों के खिलाफ ट्रायल बंद कर दिया है।