चारा घोटाला मामलाः लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई टली, अब 22 अप्रैल को होगा फैसला।

चारा घोटाले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है। पिछले सप्ताह भी न्यायाधीश के उपलब्ध न होने से मामले की सुनवाई नहीं हो सकी थी।

लालू प्रसाद यादव के जमानत के मामले की सुनवाई झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार होगी। न्यायमूर्ति सिंह की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए यह मामला शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध है। पहली अप्रैल को न्यायाधीश के अदालत में नहीं बैठने की वजह से लालू की जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकी थी और सुनवाई स्थगित कर दी गई थी। लालू के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया कि शुक्रवार को इस मामले में बहस होने की पूरी संभावना है, जिससे लालू प्रसाद यादव के चारा घाटाले के डोरंडा कोषागार मामले में भी जमानत पर रिहा हो जाने की संभावना है।

इस मामले में लालू प्रसाद यादव को 21 फरवरी को सजा सुनाई गई थी। जमानत याचिका पर 11 मार्च को भी सुनवाई नहीं हो सकी थी क्योंकि उक्त तारीख पर अदालत ने इस मामले में सीबीआई अदालत से रिकॉर्ड (एलसीआर) मंगाने का निर्देश दिया था। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने सीबीआई अदालत के आदेश के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में 24 फरवरी को अपील दाखिल की थी। अपनी अपील के साथ ही लालू यादव ने जमानत के लिए भी आवेदन दिया था, जिस पर 4 मार्च को सुनवाई हुई थी लेकिन अदालत ने याचिका में त्रुटियों को दुरुस्त करने का निर्देश देते हुए इसकी सुनवाई 11 मार्च को निर्धारित की थी। लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका में बढ़ती उम्र और 17 प्रकार की बीमारियां होने का हवाला दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया कि उन्होंने इस मामले में सजा की आधी अवधि जेल में पहले ही पूरी कर ली है। इस आधार पर उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।

वहीं इससे पूर्व 22 मार्च को चारा घोटाले में यहां सजा भुगत रहे राजद प्रमुख एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को किडनी में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रिम्स के मेडिकल बोर्ड की सलाह पर विशेष विमान से उनकी बेटी मीसा भारती अपने साथ दिल्ली स्थित एम्स ले गई थीं। राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) द्वारा गठित चिकित्सिकीय बोर्ड की बैठक में लालू प्रसाद यादव को दिल्ली भेजने पर फैसला लिया गया था।