गठबंधन में सब नही है ठीक, आखिर क्यों जदयू ने कहा भाजपा बेतूकी बातों से करती है लोगो को गुमराह….

बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू और सहयोगी दल बीजेपी के बीच जनसंख्या नियंत्रण को लेकर मतभेदो का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। बीजेपी की बिहार इकाई के प्रमुख डॉ संजय जायसवाल ने सुझाव दिया था कि राज्य की जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार केवल दो बच्चों वाले लोगों को पुरस्कृत करे।

संजय जायसवाल के इस बयान पर जेडीयू ने प्रतिक्रिया दी है और बीजेपी पर इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।

जेडीयू का बीजेपी पर निशाना

जेडीयू के एमएलसी नीरज कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया कि बीजेपी बिहार की आबादी पर आधा सच बता रही है। जायसवाल ने मांग की थी कि जिन लोगों के केवल दो बच्चे हैं सरकार प्रोत्साहन के रूप में उन्हें 25 किलो मुफ्त राशन और आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड दे।

उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की केंद्र की योजना को सिरे से खारिज कर चुके हैं। नीतीश कुमार ने दावा किया था कि केवल शिक्षा और जागरूकता जनसंख्या को नीचे लाने में मदद कर सकती हैं। नीतीश कुमार के इस दावे को दोहराते हुए नीरज कुमार ने कहा कि बीजेपी को पहले जवाब देना चाहिए कि एनडीए ने दो बच्चों के मानदंड को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन को क्यों खारिज कर दिया था।

नीरज कुमार ने और क्या कहा

नीरज कुमार ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण आयोग का गठन किया था, जिसने उन सरकारी अधिकारियों को लाभ देने की सिफारिश की थी जिनके दो से अधिक बच्चे नहीं हैं, लेकिन एनडीए सरकार ने इस विचार को खारिज कर दिया और शिक्षा को प्राथमिकता दी।

नीरज कुमार आगे कहते हैं कि जनसंख्या वृद्धि के लिए मुसलमानों को दोष देना गलत है, क्योंकि मुस्लिम और हिंदू प्रजनन दर के बीच का अंतर 1992 में 1.10 से घटकर नवीनतम स्वास्थ्य सर्वेक्षण में 0.36 हो गया है। संजय जायसवाल के अलावा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और राज्य के मंत्री नीरज सिंह बबलू जैसे अन्य वरिष्ठ बीजेपी नेताओं जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए आवाज उठा चुके हैं।