विपक्ष के कई नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई है। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने सीएम के भाषण का वीडियो ट्विटर पर शेयर करके हमला बोला है।
वैशाली में समाधान यात्रा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रजनन दर पर बोल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि महिलाएं पढ़ लेंगी, तभी ये आंकड़ा घटेगा। मर्द लोग तो हर दिन करते रहते हैं। उन्हें इससे मतलब नहीं होता कि बच्चा पैदा नहीं करना है। नीतीश कुमार ने कहा कि इस बात को पढ़ी-लिखी महिलाएं अच्छी तरह से समझती हैं कि उन्हें ये नहीं करना है। अगर महिलाएं पढ़ जाएंगी तभी प्रजनन दर घटेगी। जिस वक्त मुख्यमंत्री ये बोल रहे थे उस समय वहां काफी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं।
इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने जिन अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया वो संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। ऐसे शब्दों का प्रयोग करके वो मुख्यमंत्री पद की गरिमा को कलंकित कर रहे हैं।
इसके साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रजनन दर को लेकर महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी के लिए नीतीश कुमार माफी मांगें। जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने जिस तरह से महिलाओं पर कमेंट किया है, वह शर्मनाक है। सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रजनन दर पर ऐसे सड़क-छाप बयान की मुख्यमंत्री से अपेक्षा नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को लैंगिक भेदभाव और कामुकता से भरा बयान अविलंब वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बतौर मुख्यमंत्री यह बताकर युवाओं को क्या संदेश देना चाहते हैं कि वे अपने कॉलेज जमाने में लड़कियों का पीछा किया करते थे। ऐसा लगता है कि जब से उन्होंने राजद से हाथ मिलाया है, तब से अपनी शालीनता खो दी है। विधानसभा में उन्हें अक्सर राजनीतिक विरोधियों के लिए अपमानजनक सर्वनाम तुम का उपयोग करते देखा जाता है।
राज्य बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि उनके शब्दों का उद्देश्य समाज में विभाजन पैदा करना है। ऐसा लगता है कि वह लोगों के घरों के अंदर तनाव पैदा करना चाहते हैं। उन्हें अपने बयान को वापस लेना चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।
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