रेसलर की एक गलती उस पर पड़ गई भारी, आजीवन प्रतिबंध की सजा सुन हुआ बेवाक…..

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए इन दिनों राजधानी नई दिल्ली में कुश्ती के ट्रायल का आयोजन किया जा रहा हैं। भारतीय कुश्ती फेडरेशन की ओर से इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित किए जा रहे ट्रायल में मंगलवार को पुरुष पहलवान अपने दांव लगा रहे थे, लेकिन इस दौरान ऐसी स्थिति पैदा हो गई, जिससे हर कोई भौंचक्का रह गया। इस ट्रायल में 125 किलोग्राम वर्ग में अपनी दावेदारी पेश कर रहे रेसलर सतेंदर मलिक ने मुकाबले का फैसला अपने खिलाफ जाने पर एक सीनियर रेफरी के साथ जमकर बदसलूकी की और फिर उनके साथ मार-पीट भी कर डाली। पहलवान की इस हरकत से कुश्ती फेडरेशन भी बेहद चौंक गई और फेडरेशन ने तुरंत कड़ा एक्शन लेते हुए सतेंदर पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया।

सर्विसेज की ओर से अपनी दावेदारी पेश कर रहे पहलवान सतेंदर मलिक ने मंगलवार 17 मई को फाइनल हारने के बाद रेफरी जगबीर सिंह पर हमला कर दिया। भारतीय वायु सेना का यह पहलवान फाइनल खत्म होने से 18 सेकंड पहले 3 0 से आगे था लेकिन विरोधी पहलवान मोहित ने उसे टेक-डाउन करने के बाद मैट से बाहर धकेल दिया। इससे मोहित को 3 पॉइंट्स मिलने थे, लेकिन रेफरी वीरेन्द्र मलिक ने मोहित को टेक डाउन के दो अंक नहीं दिये और इससे नाराज पहलवान ने फैसले को चुनौती दी।

हाथ से निकला CWG का टिकट, रेफरी पर टूट पड़े मलिक

इसके बाद रेफरी के फैसले को बाउट के लिए तयजूरी के पास रिव्यू के लिए भेजा गया। बाउट की जूरी सत्यदेव मलिक ने निष्पक्षता का हवाला देते हुए खुद को इस निर्णय से अलग कर लिया। सत्यदेव ने कहा कि वह भी मोखरा गांव के है जहां से सतेंदर भी आते है और ऐसे में वह निष्पक्षता बरकरार रखने के लिए फैसले से अलग हो गए। ऐसे में अनुभवी रेफरी जगबीर सिंह से इस चुनौती पर फैसला करने का अनुरोध किया गया। उन्होंने टीवी रिप्ले की मदद से मोहित को तीन अंक देने का फैसला सुनाया।

रेफरी जगबीर के फैसले के बाद स्कोर 3-3 से बराबर हो गया और आखिर तक यह स्कोर बरकरार रहा। नियम के मुताबिक मैच का अंतिम अंक हासिलकरने पर मोहित को विजेता घोषित कर दिया गया।

यहीं से सारा बवाल शुरू हो गया और सतेंदर अपना आपा खो बैठे। बाउट खत्म होने के बाद वह सीधे 57 किलोग्राम वाले मुकाबले की मैट पर चले गये जहां ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया और अमन के बीच फाइनल मैच हो रहा था। जगबीर इसी मुकाबले में रेफरी थे। सतेंदर ने जगबीर के पास पहुंचकर मारपीट शुरू कर दी। उसने पहले रेफरी को गाली दी और फिर थप्पड़ जड़ दिया, जो अपना संतुलन खो जमीन पर गिर गये।

WFI अध्यक्ष के सामने बवाल, तुरंत लगा बैन

सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि यह सारा ड्रामा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की नजरों के सामने हुआ,जो खिलाड़ियों के ट्रायल्स पर खुद नजर रख रहे थे। साथ ही इस दौरान केडी जाधव हॉल में सैकड़ों की संख्या में पहलवान और दर्शक भी मौजूद थे। इस बवाल के बाद फेडरेशन अधिकारियों ने सतेंदर को हॉल से बाहर भेज कर 57 किलो वाला मुकाबला फिर से शुरू कराया और फिर उनके खिलाफ सख्त एक्शन भी लिया गया।

फेडरेशन ने इस बद्तमीजी को बर्दाश्त करने के बजाए, तुरंत कड़ी कार्रवाई करते हुए सतेंदर पर प्रतिबंध लगा दिया। WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा,”हमने सतेंदर मलिक पर आजीवन प्रतिबंध लगाया है। यह फैसला डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने लिया है। उस मुकाबले के रेफरी को भी स्पष्टीकरण के लिए बुलाया जाएगा कि मोहित को अंक क्यों नहीं दिए गए, जबकि उसने साफ तौर पर टेक डाउन किया था। उन्होंने स्थिति को हाथ से निकलने क्यों दिया।

हादसे से सदमे में रेफरी

दूसरी ओर साल 2013 से शीर्ष स्तर (क्लास वन) के रेफरी रहे जगबीर सिंह इस घटना से सदमे में नजर आए। उन्होंने कांपते हुए कहा, “मुझे नहीं पता था कि वह ऐसा कुछ करेगा। उस मुकाबले से मेरा कोई लेना-देना नहीं था। मैंने 97 किग्रा और 65किग्रा के फाइनल में अंपायरिंग की थी। मैंने उसमें फैसला तभी दिया जब मुझे ऐसा करने के लिए कहा गया। यह WFI के ऊपर है कि वह उसके खिलाफ क्या फैसला लेते है।