लोग पूछ रहे क्या आपके आंखों का पानी सूख गया नीतीश बाबू !

कुछ दिन पहले बिहार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खुब वायरल हुआ था।

वीडियो नीतीश राज के अधिकारी का था जो लॉकडाउन में वाहन पास मांगने वाले चौकीदार को पांव पर गिरवाकर मांफी मंगवा रहे थे , और गुनाहगार बना उससे उठक बैठक करवा रहे थे।यह सब बीच सड़क पर चल रहा था। खबर जब ट्रेंड करने लगी तो देश- दुनिया के लोगों ने लानत भेजी। इस अधिकारी को खुब कोसा। लोगों को लगा कि न्याय के साथ विकास का नारा बुलंद करने वाले सीएम नीतीश के सुशासन में कमजोर चौकीदार को जरूर न्याय मिलेगा और इस अधिकारी को ऐसी सजा कि गुनाह करने वालों की सात पीढ़ी भी नहीं भूला पाएगी, पर सजा की जगह इस अधिकारी को पदोन्नति दे पुरस्कृत कर दिया गया। ऐसे में सब सुशासन और न्याय का डंका पिटने वाले नीतीश कुमार पर को लोग सवालों के घेरे में खड़ा कर ये पूछ रहे हैं कि आपके आंखों का पानी सूख गया सुशासन बाबू?

आयोग ने भेजी नोटिस

इस पूरे मामले पर बिहार मानवधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए अररिया के जिलाधिकारी और एसपी को नोटिस जारी करते हुए उनसे 6 मई तक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। एएसआई गोविंद सिंह के सस्पेंड होने के बाद कृषि पदाधिकारी पर भी कार्रवाई की मांग उठ रही थी, मगर बिहार सरकार ने इसके उलट कृषि पदाधिकारी को प्रमोशन देते हुए उन्हें कृषि विभाग में ही मुख्यालय में उप निदेशक बना दिया है। कहीं न कही मुख्यालय में पदस्थापन जिलों में पद स्थापन से ज़यादा महवपूर्ण मन जाता है ।

उठक बैठक करा उपनिदेशक बनाए गए मनोज कुमार

इस बाबत सरकार की तरफ से 25 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें इस बात की जानकारी दी गई कि अररिया के पदाधिकारी मनोज कुमार को पदस्थापित करते हुए उन्हें मुख्यालय बुला लिया गया है और उन्हें उपनिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है। लेकिन आब कृषि विभाग दे रहा सफाई खबर मिडिया में आने के बाद

मंत्री कह रहे है – चिंता ना करें मनोज कुमार पर जारी रहेगी कार्रवाई

इस मामले में कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा, मनोज कुमार पर कार्रवाई जारी रहेगी। सरकार ने सबसे पहले उसके खिलाफ अररिया में एफआईआर दर्ज करवाई है। अररिया में जांच प्रभावित न हो, इसी वजह से उसे अब पदस्थापित करके मुख्यालय बुला लिया गया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच होगी। दोषी पदाधिकारी को प्रमोशन देने के मामले पर सरकार का बचाव करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि कानूनी पचड़े में सरकार की फजीहत न हो, इसी वजह से उसे अररिया से हटाकर पहले मुख्यालय में पदस्थापित किया गया है। हम आपको बता दें कि मुख्यालय से ही सूबे के सभी जिला कर्ययालय का नियंतरण होता है एवं कहीं न कही मुख्यालय में पदस्थापन जिलों में पद स्थापन से ज़यादा महवपूर्ण मन जाता है ।