सुरक्षित रहकर मनाएं ईद-अल-अज़हा का त्यौहार जानवरों की परंपरागत कुर्बानी देते समय ज़रूरी बातों का रखें ध्यान

इस वर्ष बकरीद या ईद-अल-अज़हा ऐसे दौर में आया है, जब पूरी दुनियां कोविड-19 वायरस के चपेट में है। इस माहौल को देखते हुए विश्व के विभिन्न स्वास्थ्य संगठन एवं सरकारें भी सुरक्षित तरीके से पर्व मनाने को लेकर दिशानिर्देश जारी कर रही हैं।


बिहार इंटरफेथ फोरम फॉर चिल्ड्रेन (बी.आई.ऍफ़.सी.) के तत्वावधान में अलग-अलग धर्मगुरु जहाँ साथ आते हैं, उन्होंने भी इसके दिशानिर्देश जारी किये।

 

मौलाना अनिसुर रहमान कासमी, आल इंडिया मिल्ली काउन्सिल

हज़रत सैयद शाह शमीमुद्दीन अहमद मुनेमी, (खानका मुनेमिया ) हाजी एस एम् सनाउल्लाह (इदारे शरिया) मौलाना अनिसुर रहमान (आल इंडिया मिल्ली काउन्सिल ) मो रिजवान अहमद (जमाते इस्लामी हिंद ) और अन्य BIFC सदस्यों ने बक़रीद की मुबारकबाद देते हुए जनता से सुरक्षित तारीके से , शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए त्यौहार मनाने की अपील की।

हाजी एस एम् सनाउल्लाह , इदारे शरिया

साबुन से बार-बार हाथ धोकर और मास्क पहन ही कोई भी कार्य करें तथा ये बातें बच्चों को भी सिखाएं।

मो रिजवान अहमद, जमाते इस्लामी हिन्द

बी.आई.ऍफ़.सी. के धर्मगुरुओं ने इस बात पर तवज्जो दी कि कोविड19 का प्रसार मुख्य रूप से मनुष्य से मनुष्यों में होता है लेकिन इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि इसका प्रसार मनुष्यों से पशुओं में भी हो सकता है, ख़ासतौर से कोविड से संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से।

इस बीमारी से होने वाले घातक स्वास्थ्य परिणाम, असमय मृत्यु, अनावश्यक खर्च ओर परेशानी से बचने के लिए उन्होंने सलाह दी कि ईद-अल- अज़हा पर जानवरों की परंपरागत कुर्बानी देते समय कुछ बातों का ध्यान रखें। जैसा कि बार-बार कहा जाता है, उसे मानते हुए, घर पर कुर्बानी देने से परहेज़ करें।

भीड़भाड़ से संक्रमण की तेजी से फैलने का ख़तरा रहता है इसलिए भीड़ कम से कम लगायें। जैसा की कुर्बानी के मामले में हमेशा हिदायत की जाती है, हाथ और औजारों की साफ़-सफाई सुनिश्चित करें और साबुन से अच्छे से हाथ धोएं। Sterilize करें।

बीमार लग रहे जानवरों की कुर्बानी भी ठीक नहीं। अगर पशु बीमार लग रहे हों, तो उनकी कुर्बानी ना दें। इसके अलावा पशुओं की खरीद के मसले पर भी उन्होंने ध्यान दिलाया की जानवरों को विश्वसनीय स्रोतों से ही खरीदें।

कुर्बानी ओर मांस के बंटवारे के वक्त भी एहतियात बरतना जरूरी है।

दीवान ऐमन एनैएतुल्लह फिरदौसी मनेरी, मनेर शरीफ

आस पास की मस्जिद या दुसरे किसी संगठन की सहायता लें ताकि आस—पड़ोस में अनावश्यक भीड़ भाड़ ना हो। हाथों की सफाई, मास्क पहन, शारीरिक दूरी बनाये रखने का पूरे क्रम (कुर्बानी के दौरान, उचित हिस्से करने, फ्रिज इत्यादि में सुरक्षित रखने ओर बांटने) में पूरा पूरा ध्यान रखें। मीट को साफ़ कर, ऊँचे तापमान पर देर तक पकाने के बाद ही, साबुन से हाथ धोकर खाएँ

उलेमाओं ने बिहार इंटरफेथफोरम (बी.आई.एफ़.सी.) के मंच के जरिये कहा कि थोड़ी सी सावधानियों के जरिये हम खुद भी सुरक्षित रहेंगे ओर दूसरों को बीमारी से बचाते हुए त्यौहार मनाएंगे। बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और वंचित परिवारों की विशेष देखभाल करे। सभी की ख़ुशहाली के लिए घर पर ही नमाज़ पढ़े दुआ करे और आपसी सौहार्द बनाए रखें