पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार तलब किया जवाब, 18+ के लोगों को कब से लगेगी वैक्सीन, होम आइसोलेशन में रहनेवाले मरीजों के ऑक्सीजन का क्या?

पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पुछा है कि बताए होम आइसोलेशन में रह रहे गंभीर मरीजों को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन सिलेंडर कैसे पहुंचाया जाएगा। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस संबंध में सोमवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही खंडपीठ ने मुख्य सचिव से यह भी पूछा है कि सूबे में 18 से 45 वर्ष के लोगों को कब से कोविड का टीका लगना शुरू होगा।

हालांकि शुक्रवार को न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय के कार्यकाल का अंतिम कार्यदिवस होने के कारण मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल के अनुरोध पर सभी आदेश न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय ने दिए। गौरतलब है कि इस मामले कि  न्यायमूर्ति पांडेय ने अपने कार्यकाल का अंतिम केस के रूप में सुनवाई की। वहीं मामलों पर अगली सुनवाई सोमवार को सुबह साढ़े दस बजे होगी। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कोविड के उपचार में ऑक्सीजन की दिक्कतों पर राज्य के मुख्य सचिव की ओर से दाखिल हलफनामे पर विचार किया। मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति शिवाजी पांडे ने राज्य सरकार से कई सवाल किये।

कोर्ट ने पूछा कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी क्यों है। कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया कि जो लोग घर पर रह कर अपना इलाज करा रहे हैं, उन्हें ऑक्सीजन की कमी होने पर राज्य सरकार किस तरह ऑक्सीजन उपलब्ध करा रही है? सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव की ओर से दायर हलफनामा में कहा गया कि सूबे में जिस रफ्तार से कोविड मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उस मुताबिक राज्य को प्रत्येक दिन 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से निर्धारित कोटा का सौ फीसदी रोजाना उठाव तक नहीं कर पा रही है और अब 300 एमटी ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने की बात कर रही है।

गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि बिहार ने 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध कराने की मांग केंद्र से की गयी है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक की स्थापना और 100 ट्रू नेट मशीन की खरीद का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही 100 से 500 अस्थायी ऑक्सीजन युक्त बेड्स सभी जिलो में तैयार करने का निर्णय लिया गया है।