चुनाव के बाद हुई हिंसा के डर से बंगाल से असम भागे लोगों से मिलने जाएंगे गवर्नर जगदीप धनखड़, ममता ने जताई आपत्ति कहा प्रोटोकॉल का उलंघन

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़  के हिंसा पीड़ित लोगों से जिला और असम में जाकर मुलाकात करने की घोषणा की है। हालांकि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी  ने इस पर आपत्ति जताई है। ममता ने राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्यपाल, सीएम और राज्य मंत्रिमंडल की अवहेलना कर रहे हैं है।  साथही ममता ने राज्यपाल को पत्र देकर इससे परहेज करने की अपील की है।

बता दें कि राज्यपाल 13 मई को सीतलकुची और कूचबिहार के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। वहीं वह  14 मई को असम के रनपगली और श्रीरामपुर कैंप में रह रहे बंगाल के लोगों से मुलाकात भी करेंगे। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वह बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा करेंगे। वह माथाभांगा और सिताई भी जाएंगे। जहाँ वह पीड़ितों से मुलाकात करेंगे।

गौरतलब है कि असम के सीएम ने कहा था, ‘बंगाल से 300 से 400 बीजेपी कार्यकर्ताओं ने असम में परिवार सहित पलायन किया है। राज्य की सीमा को पार करके ये लोग आए हैं और असम में शरण ली है।’ सरमा ने कहा था कि असम सरकार की ओर से बंगाल से आए लोगों के लिए खाने और शरण की व्यवस्था की जा रही है। इस बीच ममता बनर्जी ने केंद्रीय दलित आयोग से अपने बंगाल दौरे को रद्द करने के लिए कहा है।

राज्य को सूचित किए बिना कर रहे हैं दौरा

राज्यपाल को लिखे पत्र में सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल के सचिव जिलों का दौरा राज्य सरकार के आदेश के बाद निश्चित करते हैं। राज्यपाल का दौरा जिला और राज्य सरकार के अधिकारियों के परामर्श से अंतिम रूप दिया जाता है। ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि वह 13 मई को जिलों का दौरा कर रहे हैं और यह लंबी परंपरा का उल्लंघन है। ममता ने आशा जताई कि राज्यपाल लंबे समय से चले आ रहे प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।

मंत्रिमंडल की अवहेलना कर सीधे अधिकारियों से कर रहे हैं बात

ममता बनर्जी ने अपने पूर्व पत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि वह सीएम और राज्य मंत्रिमंडल की अवहेलना कर सीधे अधिकारियों से बात करना बंद करें। आप नियमों की अवहेलना कर रहे हैं और सीधे अधिकारियों के साथ बात कर रहे हैं। उनसे रिपोर्ट तलब कर रहे हैं। वह आग्रह करती हैं कि कृपया इस तरह से बर्ताव से खुद को अलग रखें।

चुनाव के बाद भी बंगाल में जारी है राजनीति

एनसीएससी पिछड़े वर्ग को शोषण से बचाने के लिए बनाई गई संवैधानिक संस्था है। बता दें कि चुनाव के बाद भी पश्चिम बंगाल में राजनीति का दौर जारी है। चुनाव नतीजों के बाद ही राज्य में हिंसा शुरू हो गई थी। नंदीग्राम समेत कई इलाकों में बीजेपी ने कार्यकर्ताओं पर हमलों का आरोप लगाया था।