इस्लामी स्काॅलर मुफ्ती महफूजूर रहमान उस्मानी साहब ने भी साथ छोड़ दिया, मुख्यमंत्री ने व्यक्त की गहरी शोक संवेदना

जमीयतुल कासिम दारूल उलूम-इल-इस्लामिया, सुपौल के फाउंडर और इस्लामी स्काॅलर मुफ्ती महफूजूर रहमान उस्मानी साहब अब हमरे बीच नहीं रहे। 1 मई को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद वह जमीयत-उल-कासिम दारुल उलूम-उल-इस्लामिया सुपौल में ही आइसोलेशन में थे। जानकारी के मुताबित कोरोना संक्रमण के बाद वह खाँसी और बुखार से काफी परेशान रहे। मुफ़्ती साहब एक नेक दिल इंसान होने के साथ बड़ी आला सिफत और इकबाल के माहेरीन थे। उन्होंने जमीयतुल कासिम दारूल उलूम-इल-इस्लामिया, सुपौल की बुन्याद रकने के साथ अपने इल्म व फन से तमाम कौम को मालामाल किया। उनकी बड़ी खासियत थी की वह हमेशा अपने दोस्तों और जानने वालों के लिए फ़िक्रमंद रहते थे। वह इस्लामी शिक्षा व संस्कृति के चाहने वाले थे।

नीतीश कुमार ने किया गहरे रंजो-गम का इज़हार

नीतीश कुमार ने मुफ्ती महफूजूर रहमान उस्मानी साहब के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुफ्ती महफूजूर रहमान उस्मानी साहब के इन्तकाल की खबर से दुखी हूॅ। नीतीश कुमार ने कहा कि मुफ़्ती साहब धार्मिक स्काॅलर के साथ-साथ एक नेक दिल इंसान थे। उनकी सामाजिक कार्यों में भी गहरी अभिरूचि थी। उनके इन्तकाल से धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि वे उन्हें जन्नत में आला मकाम अता करें और उनके परिवार वालों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की ताकत दें।