मुजुफ्फरपुर में डॉक्टरों के कोरोना प्रोटोकॉल के नाम पर बर्ताव हुई लापरवाही से एक मासूम की जान चली गई। दरअसल, के सदर अस्पताल में आपातकालीन स्थिति एक पिता अपनी बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचा। बच्ची के पिता का कहना है कि उसके गले में लीची का बीज अटक गया था। लेकिन जब वह बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने कोरोना जांच करने को कहा। उसने जांच भी कराई लेकिन रिपोर्ट आने से पहले बच्ची ने अपनी आखें बंद कर ली।
यहां कुढ़नी प्रखंड के रघुनाथपुर मधुबन गांव निवासी बच्ची के पिता संजय राम ने बताया कि बच्ची के गले में लीची का बीज अटकने के बाद उसे लेकर कुढ़नी पीएससी पहुंचे। जहाँ से उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। सदर अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने पहले बच्ची का कोरोना टेस्ट करवाने को कहा। मजबूरी में पिता ने बच्ची का कोरोना टेस्ट करवाया। पिता का आरोप है कि घंटों इंतजार के बाद डॉक्टर इलाज को तब तक तैयार नहीं हुए जब तक कोरोना की रिपोर्ट नहीं आई।
इस दौरान इलाज के इंतजार में आठ साल की बच्ची राधा कुमारी की मौत हो गई। गौरतलब है कि इमरजेंसी मे ऑन ड्यूटी डॉक्टर जब पहुंचे तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। हालांकि सिविल सर्जन डॉ. एस के चौधरी ने डॉक्टरों की लापरवाही को गंभीर करार देते हुए जांच और कार्रवाई की बात कही है।
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