नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला : बिहार में अब होगा सिंगल यूजेज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन, अब वार्ड सदस्य करेंगे नल-जल की देखरेख, मिलेंगे 5000 रुपये प्रत्येक वार्ड सदस्य को

बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को कुल 6 एजेंडों पर मोहर लगी। इसके तहत बिहार में सिंगल यूजेज प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। दरअसल, अब बिहार में इसके आयात, निर्यात, भंडारण, उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन पर भी रोक लगा दी गई है।  हर घर नल का जल योजना के अंतर्गत वार्ड सदस्य ही इसके अनुरक्षक बनाने के फैसला किया है। इन्हें प्रतिमाह दो हजार मानदेय सहित पांच हजार से अधिक रुपये मिलेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में नल-जल योजना के दीर्घकालीन अनुरक्षण नीति के तहत इसका निर्णय लिया गया। बैठक में कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी मिली।

दरअसल, अब नल-जल योजना के सही ढंग से संचालन की जिम्मेदारी अनुरक्षक की होगी। अगर वार्ड सदस्य इस काम को नहीं देखते तो वार्ड प्रबंधन समिति के दूसरे सदस्य मेंटेनेंस का काम देखेंगे। उन्हें इसके लिए ₹2000 प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पहले से वार्ड सदस्यों को 500 रुपये महीना दिया जाता है। इसके अलावा अब अनुरक्षक बनने पर उन्हें दो हजार मानदेय मिलेंगे। इतना ही नहीं उपभोक्ताओं से हर महीने 30 रुपये वसूले जाने वाले शुल्क की आधी राशि भी अनुरक्षक को दी जाएगी। बतादें कि औसतन एक वार्ड में 200 घर हैं, जिसके हिसाब से छह हजार शुल्क की वसूली होगी। इस तरह तीन हजार अनुरक्षक को मिलेंगे। योजना का संचालन अच्छे ढंग से नहीं होगा तो मानदेय में कटौती भी की जाएगी। शेष राशि रखरखाव पर खर्च होगी। पंचायती राज विभाग द्वारा 58 हजार वार्डों में यह योजना चल रही है। नीति में यह भी साफ किया गया है कि पाइप के लिकेज और खराब मोटर की शिकायत को 24 घंटे में दूर किया जाएगा। अन्य बड़ी खराबी को तीन से पांच दिन में दूर करना ज़रूरी होगा। वार्ड प्रबंधन एवं क्रियान्वयन समिति व तकनीकी सहायक की मुख्य जिम्मेदाररी होगी शिकायतें दूर करना।

जल की बर्बादी करने पर अब हो सकता है 5 हजार तक जुर्माना

अनुश्रवण नीति के अनुसार वार्ड के हर घर से प्रतिमाह ₹30 मेंटेनेंस चार्ज लिया जाएगा। इसे अनुश्रवण करने वाले वार्ड सदस्य वसूल करेंगे। उपभोक्ताओं से लिये गए मेंटेनेंस चार्ज से जलापूर्ति योजना का रखरखाव किया जाएगा। इसके साथ 2 हजार की राशि सरकार की तरफ से भी रखरखाव के लिए दी जाएगी।

  • पानी की आपूर्ति के लिए भी इसमें समय का निर्धारण किया गया है। इसके अनुसार अक्टूबर से मार्च तक 6:00 बजे सुबह से 9:00 बजे तक जलापूर्ति होगी।
  • अन्य माह में 5:00 से 8:00 तक सुबह और शाम में 4:00 बजे से 7:00 बजे तक होगी जलापूर्ति होगी।
  • उपभोक्ता अगर मासिक शुल्क नहीं देते तो 15 दिन की नोटिस पर उनका कनेक्ट काट दिया जाएगा। फिर से जल का कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ता को ₹300 देने होंगे।
  • उपभोक्ता द्वारा जलापूर्ति का दुरुपयोग करने पर पहली बार में 150 रू, दूसरी बार में 400 रू, और तीसरी बार में 5000 तक का जुर्माना लगेगा।
  • उपभोक्ता द्वारा मोटर पंप का उपयोग किए जाने पर वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति दे सकती है नोटिस। नोटिस देने के बाबजूद मोटर पंप नही हटाने पर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से 5000 का लगेगा जुर्माना।

कैबिनेट के अन्य फैसले

  • कैबिनेट की बैठक में कोरोना संक्रमण में ड्यूटी में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को एक महीने का अतिरिक्त वेतन देने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है।
  • बिहार सरकार ने 250 एम्बुलेंस खरीददारी करने का भी निर्णय लिया है। डायल 104 के तहत चल रहे एम्बुलेंस सर्विस में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। पुराने व जर्जर पड़ चुके एंबुलेंस को बदलकर ये नए एंबुलेंस सेवा में लाए जाएंगे।
  • भवन निर्माण विभाग के 42 अभियंताओं को संविदा अवधि को भी एक साल का विस्तार दिया गया है।