समायरा फैशन बुटिक एंड फैब्रिक वर्ल्ड का पाल शताब्दी मॉल में हुआ शुभारंभ

पटना : समायरा फैशन बुटिक एंड फैब्रिक वर्ल्ड का सगुना मोड़ स्थित पाल शताब्दी मॉल में शुभारंभ हुआ। वीमेन इंटरप्रेन्योर को-ऑपरेटिव सोसाइटी की सचिव ममता कुमारी ने रिबन काटकर समायरा फैशन बुटिक एंड फैब्रिक वर्ल्ड का उद्घाटन किया।

पत्रकारों से बात करते हुए वीमेन इंटरप्रेन्योर को-ऑपरेटिव सोसाइटी की सचिव सह समायरा फैशन बुटिक एंड फैब्रिक वर्ल्ड से ममता कुमारी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि यहाँ एक ही छत के नीचे शादी, पार्टी, फेस्टिवल जैसे हर अवसर पर पहनने के लिए लेडिज और जेंट्स की कसटामाइज डिज़ाइनर ड्रेस बनाई जायेगी।

सबसे सस्ता और सबसे अच्छा के कांसेप्ट पर समायरा फैशन बुटिक एंड फैब्रिक वर्ल्ड में डिज़ाइनर ड्रेस तैयार किये जायेंगे| हर आय वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए वस्त्र तैयार किये जायेंगे, लेकिन क्वालिटी को लेकर कर्मठता का ज़िक्र किया।

उन्होंने बताया कि समायरा फैशन बुटिक एंड फैब्रिक वर्ल्ड में कम आय वर्ग के लोग भी अपनी पसंद की ड्रेस सहूलियतपूर्वक बनवा सकते हैं। यहाँ ऐसी व्यवस्था की गयी है।

उन्होंने कहा कि समय के साथ कदमताल करते हुए समायरा फैशन बुटिक एंड फैब्रिक वर्ल्ड अपने ग्राहकों को अपटूडेट एंड मॉडर्न डिज़ाइनर ड्रेस मुहैया कराएगा| इसके लिए ड्रेस डिज़ाइनर एक्सपर्ट भी हमारे टीम प्रबंधन का हिस्सा हैं| इसलिए फैशन के इस दौर में हर अवसर पर खुद को अलग दिखने की इच्छा रखनेवाले लोग समायरा फैशन बुटिक एंड फैब्रिक वर्ल्ड में कीमत की परवाह किये बिना बेहिचक पहुंचकर अपनी पसंद का परिधान बनवा सकते हैं।

ममता कुमारी ने कहा कि दानापुर के सगुना मोड़ स्थित पाल शताब्दी मॉल के शॉप नंबर 502 में इस सोच के साथ हमने समायरा फैशन बुटिक एंड फैब्रिक वर्ल्ड का शुभारंभ किया है ताकि राजधानीवासियों से लेकर ग्रामवासियों तक की पहुँच यहाँ आसानी से हो सके।

उन्होंने कहा कि बुटीक व सौंदर्य प्रसाधनों का कारोबार काफी हद तक कोरोना की भेंट चढ़ गया था।

कोरोना महामारी में हुए लॉकडाउन से कस्टमर्स नहीं होने की वजह से बाजार में आर्थिक मंदी का आलम बना हुआ था और बुटीक एवं कॉस्मेटिक्स का कारोबार प्रभावित हो गया था। लेकिन बदलते हालात में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है| उन्होंने कहा कि उद्यमी बनने के लिए पूंजी सेकेंडरी है जबकि संकल्प सबसे जरूरी है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी ममता कुमारी काफी अग्रसर हैं| महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए टेस्ट ऑफ़ बिहार के नाम से ग्रामीण महिलाओं की मदद से कई प्रकार के प्रेजेंटेबल खाद्य उत्पाद तैयार करके उन्हें बाजार उपलब्ध कराने की कवायद में जुटी हुई हैं। इस काम के जरिये वे घरेलू एवं अशिक्षित ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही है। यही नही नवल किशोर शाही जीवन मंत्र फाउंडेशन (ट्रस्ट) के जरिये उन्होंने एक गाँव को गोद भी लिया है जहां हर घर में रोजगार देने के लिए वे दृढ़-संकल्पित हैं। इसके लिए उन्होंने सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं को फुलबत्ती, मोमबत्ती और अगरबत्ती बनाने वाली मशीन उपलब्ध कराया है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से ही वे सोया (सोयाबीन) पनीर के कारोबार से भी जुड़ी हैं जो फैट (वसा) फ्री, सुगर फ्री और कॉलेस्ट्रोल फ्री है। उन्होंने कहा कि सोया पनीर काफी स्वास्थ्यवर्द्धक है। यह कोविड पीड़ितों को स्वास्थ्य लाभ दिलाने में काफी सहायक सिद्ध हुआ। इसका सेवन करनेवाले अनेक कोरोना पीड़ितों ने बहुत जल्द रिकवरी की| यही नहीं सोया पनीर यादाश्त को मजबूत बनाने एवं बच्चों की ऊँचाई बढ़ाने में भी काफी कारगर साबित हुआ है।