देश में कोरोना महामारी का संकट चल ही रहा है कि बिहार में चमकी बुखार ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। हर साल की तरह इस साल भी गर्मी में मुजफ्फरपुर में बच्चों पर चमकी-बुखार ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। एसकेएमसीएच में इलाजरत एईएस पीड़ित दो जुड़वां बहनों की मौत हो गई। एक बहन की मौत सोमवार को हुई थी। दूसरी बहन की भी स्थिति गंभीर थी। मंगलवार को उसने दम तोड़ दिया। इस साल एईएस से मरने वाले बच्चों की संख्या तीन हो गई है। जुड़वा बहनें सुखी कुमारी और मौसम की उम्र चार साल थी। दोनों मुशहरी प्रखंड के रजवाड़ा पंचायत के रौशनपुर चक्की के सुखलाल सहनी की बेटी थी।
नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक बुलाई
मुजफ्फरपुर इलाके में चमकी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज समीक्षा बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एईइस से बचाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। सरकार की चिंता इस बात को लेकर है कि अप्रैल महीने में तापमान ज्यादा नहीं जाने के बावजूद आखिर चमकी का प्रकोप क्यों बढ़ गया है। जिले में चमकी बुखार से प्रभावित बच्चों का सामने आना चिंताजनक है।
एईएस पीड़ित बच्चों की संख्या 15 हुई
एईएस पीड़ित बच्चों की संख्या 15 हो गई है। चमकी-बुखार से पीड़ित 10 बच्चों को इलाज के लिए एसकेएमसीएच व सदर अस्पताल में भर्ती किया गया है। पीड़ित बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मौसम में नमी के बावजूद बच्चे एईएस से पीड़ित हो रहे हैं।
कम तापमान पर भी बच्चों का एईएस से पीड़ित होना चिंताजनक-DM
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि अप्रैल में भी रह-रहकर हो रही बारिश के कारण तापमान काफी कम है। इसके बावजूद, जिले में एईएस/चमकी बुखार से प्रभावित बच्चों का अस्पताल पहुंचना चिंताजनक है। प्रशासन की ओर से प्रभावित सभी पंचायतों में जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार जारी है। प्रभावितों के बीच पहुंचकर बेहतर प्रयास व बचाव कार्य किए जा रहे हैं।
29 मार्च को एईएस से हुई थी पहली मौत
इस साल एईएस से यह तीसरी मौत है। इसके पूर्व सकरा प्रखंड के बाजी बुजुर्ग निवासी मुन्ना राम के 3 साल के बेटे आदित्य की मौत 29 मार्च को हो गई थी। एईएस पीड़ित 3 बच्चे अब भी एसकेएमसीएच की पीआईसीयू में इलाजरत हैं।
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