नीतीश ने कहा उर्दू से बढ़ेगा ज्ञान, बीजेपी ने किया पलटवार कहा बिहार को ना बनाए पाकिस्तान…..

बिहार में उर्दू अनुवादकों को नियुक्ति पत्र बांटने के मसले पर सियासत तेज हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को राज्य में नवनियुक्त उर्दू अनुवादकों को नियुक्ति पत्र बांटा, जिससे भारतीय जनता पार्टी भड़क उठी है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि राजद की गोद में बैठकर नीतीश कुमार धार्मिक तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा नेता निखिल आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार में पाकिस्तान नहीं बनाना चाहिए, बल्कि उन्हें खुद पाकिस्तान चले जाना चाहिए।

दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को राज्य में नवनियुक्त उर्दू अनुवादकों को नियुक्ति पत्र बांटा और उन्होंने कहा कि उर्दू सीखना जरूरी है। उर्दू सीखने से ज्ञान बढ़ेगा। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त उर्दू अनुवादकों से आग्रह किया कि जहां भी रहिए, लोगों को उर्दू सिखाइए, ताकि हिंदी के बाद उर्दू भी ज्यादा से ज्यादा लोग जान सकें। सभी लोग अपना काम करते हुए एक खास समुदाय के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों को लोगों तक पहुंचाइए।

इसी के बाद भाजपा ने पलटवार किया और बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी के गोद में बैठने के बाद नीतीश कुमार धार्मिक तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार उर्दू अनुवादक, बिहार के हर स्कूल में उर्दू शिक्षक की बहाली और अब हर थाने में उर्दू से जुड़े लोगों की बहाली करेंगे। नीतीश कुमार आप बिहार को पाकिस्तान मत बनाइए। अगर आपको इतना ही शौक है पाकिस्तान परस्त होने का तो पाकिस्तान चले जाइए।

बता दें कि जब नीतीश कुमार नवनियुक्त उर्दू अनुवादकों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे, तब इस दौरान सीएम नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान भी मौजूद थे। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद कक्ष में आयोजित किया गया था। नीतीश कुमार ने जिन कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया, उनका चयन पहले ही हो गया था।