पटना:पटना हाईकोर्ट ने 13 जुलाई को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. अब हाईकोर्ट के समन के खिलाफ और केके पाठक के समर्थन में नीतीश सरकार आ गई है. बिहार सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है.
मालूम हो कि इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी. दरअसल घनश्याम नाम के एक शिक्षक की अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने सीनियर आईएएस अधिकारी केके पाठक को पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन केके पाठक कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. जिसके बाद पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए अपर मुख्य सचिव के खिलाफ समन जारी कर दिया.
बतादें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पर हाईकोर्ट नाराज था. केके पाठक को गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में हाजिर होना था, हाईकोर्ट ने एक मामले में साढ़े सात साल पहले आदेश जारी किया था, लेकिन अबतक उसपर अमल नहीं किया गया. इसी केस की गुरुवार को सुनवाई के दौरान केके पाठक को सशरीर उपस्थित होने का आदेश था.
केके पाठक नहीं हुए कोर्ट में हाजिर
केके पाठक गुरुवार को कोर्ट में हाजिर नहीं हुए और अदालत को वकील के माध्यम से सूचना दिलवाई कि उन्होंने 16 जून 2023 को आदेश पर अमल करवा दिया है. इस आधार पर भौतिक हाजिरी से छूट दी जाए. पटना हाईकोर्ट सुनवाई के दौरान केके पाठक की गैरहाजिरी से नाराज था.
पटना हाईकोर्ट की नाराजगी की एक बड़ी वजह यह भी थी कि साढ़े सात साल से अदालती आदेश की अवमानना की जा रही थी और जब सशरीर हाजिरी का आदेश दिया गया तो ऐसी छूट मांगी जा रही थी. कोर्ट ने केके पाठक के खिलाफ जमानती वारंट जारी का आदेश दिया और 20 जुलाई को सशरीर हाजिर कराने को कहा.
यह पूरा मामला एक टीचर की तरफ से दायर याचिका से जुड़ा है. जिसमें पटना हाईकोर्ट 2016 से ही केके पाठक को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन वे खुद उपस्थित नहीं हो रहे थे. जिसके बाद 13 जुलाई को कोर्ट ने इसको लेकर जमानती वारंट जारी कर पाठक को 20 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था.
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