कोरोना महामारी के बीच अब पूरी दुनिया वैक्सीन की राह देख रही है। दुनियाभर में अब तक 3 करोड़ 17 लाख 131 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से 9 लाख 75 हजार (3.06%) लोगों ने अपनी जान गंवा दी है तो वहीं 2 करोड़ 34 लाख (73þ) से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ट्रेडोस अधनोम ने कहा कि स्वास्थ्य संगठन के पास इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कोरोना वायरस महामारी के लिए विकसित किए जा रहे टीकों में से कोई काम करेगा या नहीं. के इस ताजा बयान से कोरोना वैक्सीन को लेकर लगाए जा रहे उम्मीदों को झटका लगा है।
इसकी गारंटी नहीं कि बाद में भी टीका उतना हीं कारगर हो
ट्रेडोस अधनोम ने यह बात मंगलवार को वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग में कही. उन्होंने कहा कि इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि विकास के चरण से गुजरने के दौरान भी कोई टीका काम करेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा से ज्यादा वॉलन्टियर्स पर वैक्सीन की टेस्टिंग होगी, एक बेहतर और प्रभावी वैक्सीन के विकास में यह उतना ही अच्छा मौका होगा।
सबसे आगे है ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन
कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने के लिए दुनियाभर में करीब 180 विकल्पों पर इस वक्त काम चल रहा है और अलग-अलग रिसर्च में सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं. अमेरिका की Moderna Inc की वैक्सीन mrna1273 इंसानों पर पहले ट्रायल में सफल भी रही है, लेकिन एक वैक्सीन ऐसी है जिससे इस वक्त दुनिया को सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं और वो है ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन AZD1222.
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