सरकार ने कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए भले ही लॉकडाउन लगाने के साथ लगातार लोगों से सहयोग देने की अपील कर रही है। लेकिन लोगों की लापरवाही अब भी जानलेवा ही साबित होती नज़र आ रही है। राजस्थान के पाली जिले से भी एक ऐसा ही मामले सामने आया जिसमें एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए एक भवन में 500 से भी ज्याद लोग मौजूद थे।
ये सभी लोग विवाह समारोह में प्रीतीभोज के लिए गुपचुप तरीके से जमा हुए थे। वहीं जब अधिकारीयों की नज़र इन पर पड़ी तो लोग इधर उधर भागते दिखे। हालांकि इन लोगों को उनकी गलती का अहसास दिलाने के लिए पुलिस ने उठक बैठक करवाकर माफ़ी मंगवाई।
बता दें कि यह सब उस वक़्त हो रहा है जब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भीडभाड से बचने के लिए लोगों से विवाह समारोह को हालत ठीक होने तक स्थगित करने को कहा है।
देश कोरोना संक्रमण से परेशान है। राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है, वहीं दूसरी तरफ कई लोग इस कदर लापरवाह बने हैं कि वे अपने साथ साथ दूसरों की जान से भी खेलने में कोई संकोंच नहीं कर रहे। इन लोगों द्वारा कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करना मानो कोई बात नहीं है।
राजस्थान के पाली जिले के सोजत के बिलावास में ऐसा ही मामला सामने आया। जहाँ एक भवन में 500 से भी ज्यादा लोग एक साथ जमा हुए थे। जब इस बात की सुचना तहसीलदार दीपक साँखला ने ग्राम बिलावास के आईमाता की वडेर में प्रीतिभोज होने का खबर मिली तो दनदनाते हुए वहां पहुँच गए।
दबाव से मुख्य गेट का दरवाजा खुलवाया गया। अंदर निरीक्षण करने पर ऊपरी हॉल में भारी भीड़ देखकर तो एकबारगी तो वहां मौजूद लोगों के होश फ़ाख्ता हो गए। यहाँ आलम इस कदर था की ऊपरी हॉल में लोग ठूंस ठूंस कर भरे हुए थे और अत्यंत गर्मी व उमस भरे माहौल में लोगों को शादी का भोजन परोसा जा रहा था।
हालांकि पूछताछ में पता चला कि राणाराम पुत्र चौथाराम के घर पर विवाह होने से चोरी छुपे वडेर के दरवाजे बंद करके ऊपरी हॉल में प्रीतिभोज आयोजित किया था। छापे की सूचना मिलने पर राणाराम गांव में छुप गया जिसे बड़ी मुश्किल से रेवेन्यू टीम द्वारा ढूंढकर तहसीलदार के समक्ष हाजिर किया गया। तहसीलदार की सख्ती के बाद भारी भीड़ जमा करने के एवज के एक लाख रुपये का चालान काटा गया व समस्त भीड़ को एक एक करके वडेर से बाहर निकाला गया। इसके साथ ही इस पुरे धार्मिक स्थल वडेर को भी एक महीने तक के लिए सीज कर दिया गया।
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