WHO ने चेताया-धूम्रपान करने वालों को कोरोना से मौत का खतरा ज्यादा

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने धूम्रपान और कोरोना महामारी को लेकर एक अहम जानकारी साझा की है। डब्ल्यूएचओ ने चेताया है कि धूम्रपान करने वालों को कोरोना वायरस की चपेट में आने पर मौत का खतरा काफी ज्यादा होता है। संगठन ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में धूम्रपान करना जानलेवा साबित हो सकता है, और इससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को धूम्रपान से बचने की सलाह दी गई है।

धूम्रपान करने वालों को कोरोना का खतरा ज्यादा

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुरुवार को धूम्रपान और कोरोना के बीच संबंध स्थापिक करने वाले प्रकाशित 34 शोधों का हवाला देते हुए कहा कि अस्पताल में भर्ती किए गिए मरीजों में 18 प्रतिशत से ज्यादा धूम्रपान करने वाले थे। उन्होंने कहा कि धूम्रपान करने वालों में गंभीर बीमारी का खतरा तो होता ही है, लेकिन कोविड-19 की चपेट में आने से इनमें मौत का खतरा भी बढ़ जाता है। धूम्रपान करने वालों में कोरोना संक्रमण का ज्यादा असर होता है। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने यह साफ नहीं किया है कि धूम्रपान करने वालों को कोरोना वायरस की चपेट में आने पर मौत का कितना खतरा होता है?

वैज्ञानिकों ने उठाए सवाल

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जाना जरूरी है और उनकी मौत का खतरा भी कितना अधिक है इस पर भी नजर रखी जानी चाहिए। हालांकि इन शोधों पर कई वैज्ञानिकों ने सवाल भी उठाए हैं। साइंटिस्ट्स का कहना है कि इन शोधों में निश्चित आंकड़ों की बहुत कमी है, जिससे इनके नतीजों पर सवाल उठना लाजिमी है.

डब्ल्यूएचओ ने की धूम्रपान छोड़ने की अपील

एक शोध के मुताबिक, सिगरेट का धुआं फेफड़े को फुला देता है, जिसका इस्तेमाल कोरोना वायरस मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए करता है। इसलिए धूम्रपान करने वाले में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भी ज्यादा रहता है.डब्ल्यूएचओ का कहना है “उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि धूम्रपान अस्पताल में भर्ती सीओवीआईडी -19 रोगियों में बीमारी और मृत्यु की गंभीर गंभीरता से जुड़ा हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों को धूम्रपान छोड़ने की सलाह दी है।