दिल्ली के एलजी से मिले शाहीनबाग के प्रदर्शनकारी, स्कूल बसों को रास्ता देने पर बनी सहमति

नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले कई दिनों से महिलाओं और बच्चों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा है. इन प्रदर्शन को लेकर कई सवाल भी उठाए जा रहे है. बिना राजनीतिक पार्टियों के समर्थन से चल रहे प्रदर्शनकारियों से दिल्ली पुलिस कई बार सडक से हटने की अपील कर चुकी है लेकिन प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं हुए

एलजी से 8 प्रदर्शनकारियों का एक दल ने मुलाकात की

नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल से मंगलवार को मुलाकात की. एलजी से 8 प्रदर्शनकारियों का एक दल ने वार्ता की. बातचीत में प्रदर्शनकारियों ने स्कूल बसों को रास्ता देने की बात पर अपनी सहमति दी.

हमने अपनी मांगों को एलजी के सामने रखा है-शिष्टमंडल

शाहीन बाग शिष्टमंडल के सदस्य तासीर अहमद ने कहा कि हमने अपनी मांगों को एलजी के सामने रखा है. एलजी ने आश्वासन दिया है कि वे हमारी मांगों को गृह मंत्रालय तक पहुचाएंगे. तासीर अहमद का कहना है कि हमारा प्रोटेस्ट जारी रहेगा.

दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले एक महीने से महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं और इस वजह से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग बंद है. जिससे स्कूली बच्चों के साथ ही आम लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है. इस मार्ग पर सुचारू तरीके से यातायात बहाल करने के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इससे निपटना पुलिस के विवेक पर निर्भर करता है. याचिका में उल्लेख किया गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 जनवरी को इस मार्ग पर हो रही यातायात संबंधी बाधाओं को लेकर तत्काल फैसला सुनाने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि वह सीधे तौर पर प्रदर्शन से निपटने, प्रदर्शन स्थल या यातायात को लेकर कोई निर्देश नहीं देगी क्योंकि इससे निपटना वास्तविक स्थिति और पुलिस के विवेक पर निर्भर करता है.

शाहीन बाग में स्थिति के निरीक्षण का आग्रह

शाहीन बाग में प्रदर्शन को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर किया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से शाहीन बाग में स्थिति के निरीक्षण का आग्रह किया है. साहनी ने याचिका में कहा है कि शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन ने कई अन्य जगहों पर भी इसी तरह के प्रदर्शनों को शुरू करने की प्रेरणा दी है. इसी तरह से देश के कई जगहों पर प्रदर्शन कर खराब परंपरा की परिपाटी शुरू हो सकती है.