CAA के खिलाफ 144 याचिकाओं पर ’सुप्रीम’ सुनवाई आज, कोर्ट के बाहर धरने पर बैठी महिलाओं और बच्चों को खदेड़ा

 

नागरिकता संसोधन अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 144 याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. कोर्ट के वेबसाइट के अनुसार मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबड़े , जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी. नागरिकता कानून से संबंधित अब तक 144 याचिकाएं दायर हो चुकी है.

कोर्ट के बाहर धरने पर बैठी महिलाओं और बच्चों को खदेड़ा

शीर्ष अदालत में विवादास्पद कानून पर सुनवाई से पहले नागरिकता संसोधन अधिनियम के विरोध में लगभग 20 महिलाएं और उनके साथ आए बच्चों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और सुप्रीम कोर्ट के बाहर ही धरना पर बैठ गए. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें इस इलाके से खदेड़ दिया.

सीएए के समर्थन और विरोध में याचिकाएं

नागरिकता कानून बनने के बाद से ही इस कानून के विरोध में याचिकाएं दायर की जाने लगी हालांकि कुछ याचिकाएं नागरिकता कानून के समर्थन में भी दायर किया गया है. इस याचिका में नागरिकता कानून की संवैधानिकता को चुनौती दी गयी है. सीएए की संवैधानिक वैधता को इंडियन यूनियन ऑफ मुस्लिम लीग, पीस पार्टी, असम गण परिषद, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, जमायत उलेमा ए हिन्द, जयराम रमेश, महुआ मोइत्रा, देव मुखर्जी, असददुद्दीन ओवेसी, तहसीन पूनावाला व केरल सरकार सहित अन्य ने चुनौती दी है।

सीएए को लेकर सीजेआई ने जताई थी चिंता

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबड़े ने 9 जनवरी को नागरिकता कानून को लेकर पूरे देश भर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर चिंता जताया था और कहा था कि देश इस समय कठिन दौर से गुजर रहा है. उन्होंने यह भी कहा था कि इस समय नागरिकता कानून के विरोध में दायर की गई याचिकाओं का सुनने का उचित समय नहीं है. उन्होंने कहा था कि इस मामले में तभी सुनवाई होगी जब हिंसा थम जाएगी.

कोर्ट ने सरकार को जारी किया था नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 18 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर परीक्षण करने का निर्णय लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उस दिन अधिनियम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।