चीन में कोरोना वायरस के 440 मामले आए सामने, अबतक 9 की मौत, भारत आने वाले यात्रियों की 7 एयरपोर्ट पर होगी जांच

 

चीन में एसएआरएस वायरस के 440 मामले सामने आए है और वहीं एसएआरएस से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. चीन के हेल्थ कमीशन ने मंगलवार को बताया कि देश में 440 लोग इसकी चपेट में आए. एसएआरएस वायरस को लेकर भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मंगलवार को एडवाइजरी जारी करते हुए देश के 7 हवाईअड्डों- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि को चीन से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए हैं.

इसके साथ ही भारत सरकार ने इस बीमारी को देखते हुए यह भी एडवाइजरी जारी किया है कि हॉन्गकॉन्ग समेत चीन के किसी भी एयरपोर्ट से भारत आने वाली उड़ानों में यह घोषणा करने के लिए कहा गया है कि बुखार या सर्दी के लक्षण से ग्रस्त कोई यात्री या जो 14 दिनों के अंदर वुहान की यात्रा पर गए हो, उन्हें एयरपोर्ट पहुंचने के साथ ही अधिकारियों को इस बारे में सूचित करने के लिए कहा गया है. ताकि उनकी जांच हो सके. गौरतलब है कि चीन का वुहान शहर एसएआरएस से सबसे ज्यादा प्रभावित है.

चीन जाने वाले यात्रियों के लिए ट्रेवल एडवाइजरी जारी

भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन में फैले कोरोना वायरस को लेकर ट्रेवल एडवाइजरी भी जारी की थी. जिसमें कहा गया था कि चीन की यात्रा करने वाले भारतीय को कुछ ऐहतियात बरतने की सलाह दी गयी थी. एयरलाइंस कर्मचारियों से भी आग्रह किया गया था कि वे जहाज से उतरने से पहले सेल्फ-रिपोर्टिंग फॉर्म भरने में यात्रियों की मदद करें, ताकि भरे हुए फॉर्मेट को एयरपोर्ट हेल्थ ऑर्गनाइजेशन द्वारा चेक किया जा सके.

एसएआरएस की चपेट में आई पहली विदेशी महिला

चीन ने बताया कि भारतीय मूल की शिक्षक प्रीति माहेश्वरी इस एसएआरएस जैसे कोरोना वायरस की चपेट में आईं। चीन ने बताया कि इस वायरस चपेट में आने वाली प्रीति पहली विदेशी हैं. जापान, थाईलैंड और दक्षिण कोरिया में भी रहस्यमयी कोरोना वायरस के मामले सामने आए. जापान में भी अलर्ट जारी किया गया है. भारत समेत एशिया के 6 देशों ने भी वायरस को लेकर एडवायजरी जारी की.

तेजी से फैल रहा एसएआरएस का वायरस

चीन के वुहान के सीफूड मार्केट में 31 दिसंबर को एसएआरएस वायरस का पता चला. इसके बाद मार्केट को बंद कर दिया गया. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, कोरोना वायरस भी सार्स जितना खतरनाक है. सार्स ने 2002 में चीन को अपनी चपेट में लिया था। इससे 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी