लोकसभा में PM मोदी ने किया ऐलान, ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट को मंदिर बनाने का जिम्मा

 

सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अयोध्या विवाद पर फैसला आने के बाद मोदी कैबिनेट ने 87 दिन बाद राम मंदिर बनाने को लेकर ट्रस्ट को मंजूरी दे दी है। लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राममंदिर बनाने का ऐलान किया। इस ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ रखा गया है। लोकसभा में पीएम ने इसके साथ ही अयोध्या में सरकार द्वारा कब्जाई गई 67 एकड़ जमीन को भी ट्रस्ट को देने की बात की।

साल 1992 में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के बाद जब विवाद हुआ था, तो उसके बाद 1993 में अयोध्या में विवादित स्थल सहित आसपास की करीब 67 एकड़ जमीन का केंद्र सरकार ने अधिग्रहण किया था. तभी से ये जमीन केंद्र के अधीन थी, लेकिन अब सरकार ने इस राम मंदिर ट्रस्ट को दे दिया है.

यानी अब 67 एकड़ गैर-विवादित जमीन और 2.5 एकड़ विवादित जमीन दोनों ही राम मंदिर ट्रस्ट के पास होंगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ ही अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और उससे संबधित फैसलों को लेगा.

लोकसभा में क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी….

संसद में इस फैसले का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये विषय श्री राम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है, ये विषय है अयोध्या में श्री राम जन्मस्थली पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण से जुड़ा हुआ. 9 नवंबर 2019 को मैं करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लोकार्पण के लिए पंजाब में था, उसी दिव्य वातावरण में मुझे सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर मामले पर दिए गए फैसले के बारे में पता लगा. इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राम जन्मभूमि के विवादित स्थल के भीतरी और बाहरी आंगन पर राम जन्मभूमि का ही स्वामित्व है.’

संसद को प्रधानमंत्री ने बताया कि अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि आवंटित करे, जिसको लेकर मोदी सरकार ने राज्य की योगी सरकार से आग्रह किया और राज्य सरकार ने जमीन देने पर हामी भर दी है।