भगवान के घर से बेदखल हुए कर्मचारी, तिरुपति बालाजी मंदिर में कार्यरत 1300 कर्मचारियों को काम से निकाला

लॉकडाउन का चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ने के साथ हीं लोग बेरोजगार भी होते जा रहे हैं। गरीबों की बस्तियों और पेट पर असर तो लॉकडाउन का पड़ा हीं है, देश के सबसे अमीर मंदिर पर भी इसका गहरा प्रभाव है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में कार्यरत 1300 कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया गया है। इन कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट 30 अप्रैल को खत्म हो गया और मंदिर प्रशासन ने 1 मई से कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करने से मना कर दिया है। ऐसे में कर्मचारी हताश और परेशान हैं।

काम बंद है, तो बढ़ेगी कॉन्ट्रैक्ट

तिरुपति बालाजी मंदिर प्रबंधन ने कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे 1300 कर्मचारियों को 1 मई से काम पर आने से मना कर दिया है। मंदिर प्रशासन ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से काम बंद है, इसलिए अब इन 1300 कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट 30 अप्रैल से आगे नहीं बढ़ा पाएंगे।

तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम के गेस्ट हाउस में कार्यरत थे कर्मी

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ट्रस्ट की तरफ से तीन गेस्टहाउस चलाए जाते हैं, जिनके नाम विष्णु निवासम, श्रीनिवासम और माधवम है. निकाले गए सभी 1300 कर्मचारी इन्हीं गेस्ट हाउसों में कई वर्षों से काम करते थे। तिरुपति बालाजी मंदिर के अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सभी गेस्टहाउस बंद हैं, जिस वजह से इन कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि नियमित कर्मचारियों को भी इस दौरान कोई काम नहीं सौंपा है।

20 मार्च से बंद है तिरूपति बालाजी मंदिर

आपको बताते चलें कि कोरोना वायरस की वजह से तिरुपति बालाजी मंदिर 20 मार्च से बंद है, लेकिन मंदिर में दैनिक अनुष्ठान पुजारियों द्वारा किए जा रहे हैं।