राजस्थान में सियासी संकट अभी भी जारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलकर जल्द विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की थी, हालांकि अभी तक राजभवन की ओर से इसकी इजाजत नहीं मिली है. इसी बीच शुक्रवार देर रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर कैबिनेट की बैठक बुलाई। ये बैठक लगभग ढाई घंटे तक चली। बैठक में राज्यपाल द्वारा विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर उठाए गए छह बिंदुओं पर चर्चा की गई। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मौजूदा हालात पर ट्वीट करके मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा है। इसी बीच मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है।
राज्यपाल की ओर से विधानसभा सत्र बुलाए जाने को मंजूरी नहीं दिए जाने पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। आज उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है।
शेखावत का सीएम गहलोत पर निशाना
वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को राजस्थान के मौजूदा हालात पर ट्वीट करके मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ’जहां राज्यपाल को स्वयं मुख्यमंत्री धमका कर असुरक्षित महसूस करवाए, वहां चोरी, डकैती, बलात्कार, हत्या और हिंसक झड़पों से त्रस्त राजस्थान वासियों को मुख्यमंत्री के आगे अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगाना बेकार है।’
राज्यपाल ने लिखा था सीएम गहलोत को पत्र
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने पत्र लिखकर सीएम अशोक गहलोत से कहा था, ’इससे पहले कि मैं विधानसभा सत्र के संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा करता, आपने सार्वजनिक रूप से कहा कि यदि राजभवन घेराव होता है तो यह आपकी जिम्मेदारी नहीं है। यदि आप और आपका गृह मंत्रालय राज्यपाल की रक्षा नहीं कर सकता तो राज्य में कानून-व्यवस्था का क्या होगा ? राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क किया जाना चाहिए? मैंने कभी किसी सीएम का ऐसा बयान नहीं सुना। क्या यह एक गलत प्रवृत्ति की शुरुआत नहीं है, जहां विधायक राजभवन में विरोध प्रदर्शन करते हैं?
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